बॉडी पेन (Body Pain) यानी बदन दर्द की समस्या अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। आपको बता दें कि बॉडी पेन बार-बार होना समस्या बन जाती है और मालिश और आराम करने से ज्यादतर ठीक हो सकती है। इसी कारण से लोग इसे आम समझकर नजर-अंदाज़ कर देते हैं और कोई चिकित्सा सहायता नहीं लेते हैं। यह स्थिति कभी-कभी गंभीर हो सकती है। लेकिन डॉक्टर के मुताबिक बदन दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। यह लेख आपको बॉडी पेन के कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा।
फुल बॉडी में पेन के 7 कारण और 3 इलाज
फुल बॉडी में पेन के कारण : Causes Of Full Body Pain In Hindi
1. तनाव - जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपकी इम्युनिटी कमजोर हो सकती है। नतीजन, आपका शरीर संक्रमण या बीमारी से उतना नहीं लड़ पाता जितना उसे लड़ना चाहिए। इससे आपके शरीर में दर्द हो सकता है।
2. डिहाइड्रेशन - पानी आपके शरीर के सामान्य और स्वस्थ कामकाज के लिए एक आवश्यक घटक है। इसके बिना, आपका शरीर श्वास और पाचन सहित अपनी कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को ठीक से नहीं कर सकता है। जब आप डिहाइड्रेट हो जाते हैं तो आप इसके परिणामस्वरूप बॉडी पेन महसूस कर सकते हैं।
3. नींद ना लेना - पर्याप्त नींद न लेना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आपको हर रात कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद की जरूरत होती है। प्राप्त नींद ना पूरी होने पर भी शरीर दर्द हो सकता है।
4. सर्दी और फ्लू - सर्दी और फ्लू दोनों वायरल संक्रमण हैं जिसके कारण आपके शरीर के अंगो में दर्द हो सकता है।
5. एनीमिया - एनीमिया होने पर शरीर थकान महसूस कर सकता है क्योंकि उन्हें स्वस्थ रहने या ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। जिससे बॉडी पेन हो सकता है।
6. विटामिन D की कमी - विटामिन D की कमी होने पर भी हड्डियां कमजोर हो जाती है और आप शरीर में दर्द महसूस करते हैं।
7. निमोनिया (Pneumonia), फाइब्रोमायल्गिया (Fibromyalgia), क्रोनिक थकान सिंड्रोम (Chronic fatigue), गठिया (Arthritis), ल्यूपस (Lupus), लाइम रोग (Lyme disease), हिस्टोप्लास्मोसिस (Histoplasmosis) और मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple sclerosis) आदि भी शरीर में दर्द के कारण हो सकते हैं।
फुल बॉडी में पेन का इलाज : Remedies For Full Body Pain In Hindi
1. सही खान-पान बनाये रखें - विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम आदि युक्त भोजन करें। जरूरी पोषक तत्वों को अपनी डाइट में शामिल करें। शरीर में तत्वों की पूर्ती होने पर भी दर्द से बचाव होगा।
2. नेचुरल मसालों का उपयोग करें - शरीर दर्द की समस्या होने पर नेचुरल चीज़ों का सेवन करें, यहां तक कि मसालों में भी कुदरती पदार्थों का उपयोग करना चाहिए।
3. पानी का सेवन करें - डिहाइड्रेशन से बचे पानी का प्राप्त मात्रा में सेवन करें। डिहाइड्रेशन के कारण भी मांसपेशियों और शरीर के दूसरे अंगो में दर्द होता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।