जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ता है वह आप के साथ बातचीत करने के अन्य तरीके सीख लेता है। आंखों का संपर्क, शोर मचाना या फिर मुस्कुराते हुए आपका ध्यान अपनी तरफ खींचता है। अगर आपका शिशु रो रहा है और चुप नहीं हो रहा है तो हो सकता है वह आपसे कुछ कहने की कोशिश कर रहा है। कई बार बच्चे इतना रोने लगते हैं कि उन्हें चुप करवा पाना मुश्किल हो जाता है। खासकर उस स्थिति में जब बच्चे का पेट भरा हो। ऐसे में एक शोध में बताया गया है कि एक्यूपंक्चर की मदद से आप अपने बच्चों को आसानी से शांत कर सकते हैं।
एक्यूपंक्चर की मदद से नहीं रोयेगा बच्चा (Baby will not cry with the help of acupuncture)
स्वीडन में लुंड यूनिवर्सिटी के काज्सा लंडग्रेन ने एक शोध किया जिसके अनुसार उनका मानना है कि, जिन शिशुओं का रोजाना तीन घंटे से अधिक देर रोना जारी रहा उनके लिए एक्यूपंक्चर एक प्रभावी उपचार साबित हुआ। बच्चों के पैरों पर कुछ ऐसे पॉइंट्स होते हैं जिन्हें दबाकर बच्चे को शांत किया जा सकता है। इसमें शरीर के कुछ पॉइंट्स पर प्रेशर दिया जाता है ताकि शारीरिक समस्याओं और बीमारियों को दूर किया जा सके। जब कुछ पॉइंट्स को नियमित रूप से दबाया जाता है तब शरीर में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और तकलीफ कम होती है।
इस वजह से रोता है बच्चा (Why your baby crying)
शोधकर्ताओं ने सबसे पहले यह जानने की कोशिश की कि आखिर बच्चे रोते क्यों हैं? जिसमें पाया गया कि, जब बच्चे छोटे होते हैं और जब तक बोलना नहीं जानते तब तक वह अपनी समस्या के बारे में बता नहीं पाते और लगातार रोने लगते हैं। यानी जब बच्चों को कुछ ऐसी तकलीफ होती है जो उनके पेरेंट्स को दिखाई नहीं देती जैसे सिरदर्द, पेट दर्द, जी मिचलाना आदि तब वे रोने लगते हैं। अगर बच्चा लगातार या एक घंटे से रो रहा है तो हो सकता है कि गैस के चलते पेट में दर्द हो या सर्दी या साइनस के कारण बच्चे के सिर में दर्द हो।
बच्चे के रोने पर काम आएंगे ये एक्यूपंक्चर (This acupuncture will be useful when the baby cries)
-बच्चे के पैरों की उंगलियों को धीरे-धीरे दबाई गई। हर उंगली को लगभग 3 मिनट तक दबाने से उसका सिर दर्द कम हुआ।
-अगर बच्चे को इससे आराम नहीं मिला तो हो सकता है उसे गैस में गैस हो।
-इसके लिए बच्चे के पैर के मध्य भाग के ठीक नीचे दबाने से बच्चे को गैस के कारण होने वाले दर्द से आराम मिला।
-एक बार बच्चे के दर्द में आराम मिलते ही उसका रोना बंद हो गया।
बच्चों की सहनशक्ति और प्राचीन पद्धति ने अच्छी तरह से काम किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि, रोना और परेशान करना बच्चों का किसी चीज के बारे में बताने का नॉर्मल माध्यम है, इसलिए सामान्य स्तर पर कमी उपचार के लक्ष्य हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।