हर किसी के लिए योग करना बहुत लाभदायक होता है। क्योंकि योग से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। वहीं शीर्षासन Sirsasana एक ऐसा योगासन है जिसमें सिर को जमीन पर रख कर, शरीर के सारे भार का संतुलन अग्र भुजाओं के ऊपर किया जाता है। इसे हेडस्टैंड योग मुद्रा (handstand yoga pose) के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को हर दिन करने से आपको बहुत सारे रोगों से मुक्ति मिल सकती है। तो चलिए जानते हैं शीर्षासन के फायदे और नुकसान।
शीर्षासन के 3 फायदे - Sirsasana Ke 3 Fayde In Hindi
1 . इस आसन को करने से शरीर मजबूत बनता है। इसके साथ ही शीर्षासन आपके संतुलन करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इस आसन में बार-बार गिरने से जब आप खुद को बचाते हैं तो इससे आपकी संतुलन करने की क्षमता का विकास होता है।
2 . शीर्षासन करने से आप तनाव और चिंता से मुक्ति पा सकते हैं। यह आसन आपके दिमाग और शरीर को शांत करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह तनाव Tension हार्मोन के उत्पादन को कम करके तनाव से निपटने में आपकी सहायता करता है।
3 . शीर्षासन करने से दिमाग (मस्तिष्क) कोशिकाओं के लिए एक समृद्ध ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करता है। इसके साथ ही ये आसन स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है। शीर्षासन फोकस में सुधार करता है, क्योंकि इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है।
शीर्षासन के 3 नुकसान - Sirsasana Ke 3 Nuksan In Hindi
1 . शीर्षासन करते समय गर्दन पर चोट लगने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
2 . अगर कोई व्यक्ति बहुत दिनों तक इस आसन को ठीक से नहीं करता है तो ऐसे में उसकी गर्दन में गठिया बन सकती है।
3 . इस आसन को सही से नहीं करने की वजह से रेटिनाल आंसू और गर्दन में तंत्रिका संपीड़न की समस्या भी व्यक्ति को हो सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।