अगरबत्तियों का उपयोग लगभग हर दिन पूजा-पाठ के लिए किया जाता है लेकिन आपको बता दें कि इसको जलाने से उठने वाला धु्ंआ सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। फेफड़ों पर अगरबत्ती में इस्तेमाल होने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) का असर बहुत बुरा पड़ता है। जानते हैं कि क्यों खतरनाक है अगरबत्ती का प्रयोग और इससे किन रोगों का होता है खतरा।
अगरबत्ती के धुएं से सेहत को होने वाले नुकसान : Agarbatti Ke Duyen Se Sehat Ko Hone Wale Nuksan In Hindi
सांस संबंधी बीमारियों का खतरा - अगरबत्ती में ऐसे ढेर सारे हानिकारक तत्व होते हैं, जो इंसान की सेहत के लिए बहुत खतरनाक माने जाते हैं जैसे- सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन और फॉर्मल्डेहाईड आदि। ये केमिकल्स छोटे कणों और गैस के रूप में मौजूद होते हैं। इनके संपर्क में अधिक समय तक रहने से अस्थमा संबंधी समस्या हो सकती है।
नर्व्स को भी करता है प्रभावित - सुगंधित अगरबत्तियों से निकलने वाला केमिकलयुक्त धुंआ नर्व्स को भी प्रभावित करता है। इसलिए लंबे समय तक इसका प्रयोग से दिमाग पर असर पड़ता है। इसके कारण सिरदर्द और एकाग्रता की कमी की समस्या हो जाती है।
खून में भी घुल जाते हैं केमिकल्स - अगरबत्ती में प्रयोग होने वाले केमिकल्स धुंए के साथ फेफड़ों में पहुंचते हैं और यह आपको बीमार बना सकते हैं। लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से हाइड्रोकार्बन फेफड़ों में जमता जाता है। इसे देखने पर ये तत्व फेफड़ों में चारकोल के चिपकने जैसा लगता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।