अर्जुनारिष्ट कार्डियोप्रोटेक्टिव गुणों से भरपूर एक आयुर्वेदिक औषधि है। अर्जुनारिष्ट अर्जुन के पौधे एवं कुछ और अन्य औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है। जिसका सेवन आमतौर पर, स्वस्थ हृदय के लिए करते हैं। इससे मानव शरीर लंबी आयु तक बरकरार रहता है। अर्जुनारिष्ट विशेषकर हृदय स्वास्थ्य के रखरखाव का कार्य कर लम्बी उम्र का वरदान देता है।
अर्जुनारिष्ट के लाभ - Arjunarishta Ke Fayde In Hindi
1 . अर्जुनारिष्ट का सेवन बलामूल चूर्ण को हरीतिकी क्वाथ के साथ या फिर शहद के साथ मिलाकर करने से वातज हृदय रोग में लाभ होता है।
2 . अगर किसी व्यक्ति को पित्तज हृदय रोग है तो ऐसे में उनके लिए (अर्जुनारिष्ट) अर्जुन चूर्ण 3 ग्राम, शतावरी चूर्ण 1 ग्राम के मिश्रण को मिलाकर मक्खन या मिश्री के साथ सेवन करना लाभकारी होता है।
3 . कफज हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए अर्जुन चूर्ण (अर्जुनारिष्ट) का सेवन पोहकर मूलचूर्ण के साथ करना लाभदायक होता है।
4 . त्रिदोषज हृदय रोग में अर्जुन चूर्ण, पुष्कर मूल, बलामूल चूर्ण, और मुलहठी के चूर्ण को शहद के साथ लेना लाभदायक होता है।
5 . अर्जुन की छाल को दूध में पकाकर पीने से हृदय से सम्बन्धी रोगो में लाभ होता है। इतना ही नहीं इससे कोलेस्ट्रोल में भी नियंत्रण रहता है।
6 . हृदय रोग के पीड़ित व्यक्ति के लिए अर्जुनारिष्ट बहुत लाभदायक होता है। सुबह व रात को खाना खाने के बाद अर्जुनारिष्ट के दो बड़े चम्मच को आधे गिलास पानी के साथ लगभग दो माह तक रोजाना पीने से लाभ होता है।
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