इस्नोफीलिया की दवा आयुर्वेदिक - eosinophilia ki dawa Ayurvedic

ये है इस्नोफीलिया की दवा आयुर्वेदिक
ये है इस्नोफीलिया की दवा आयुर्वेदिक

Ayurvedic medicine for eosinophilia in hindi: जब किसी को इस्नोफीलिया की समस्या होती है तो इसमें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, दम घुटने लगता है। इसके साथ ही आहार या दवा से एलर्जी की भी समस्या होने लगती है। इसके कारण दिल, दिमाग, किडनी तक सही से काम नहीं करते हैं। इसमें गले में सूजन की भी परेशानी हो जाती है। इसका समय रहते इलाज करवाना बेहद जरूरी है वरना आगे चलकर ये और भी खतरनाक हो सकता है। ये बीमारी तब होती है जब खून में सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। आयुर्वेद में इसका कई घरेलू उपचार बताया गया है।

इस्नोफीलिया की दवा आयुर्वेदिक

नीम से करें इस्नोफीलिया का इलाज (Treat eosinophilia with neem)

नीम का प्राचीन समय से कई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। नीम के पत्ते से लेकर इसके झाल, जड़ नीमकौड़ी (निंबोली) तक जड़ी-बूटी के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। इस्नोफीलिया की भी समस्या होने पर भोजन के बाद नीम के पत्तों का एक चम्मच जूस पीने से आराम पाया जा सकता है। इस औषधि को इसमें बेहद ही कारगर बताया गया है। क्योंकि, इससे शरीर में मौजूद संक्रमण खत्म होते हैं और खून साफ हो जाता है।

इस्नोफीलिया में प्याज है कारगर (Onion in Eosinophils)

प्याज में आयरन के साथ ही कैल्शियम और विटामिन सी की भी भरपूर मात्रा होती है। जो इस्नोफीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए नियमित रूप से रोज सुबह एक चम्मच प्याज के रस को एक गिलास पानी में मिलाकर सेवन करने से काफी आराम मिल सकता है।

इस्नोफीलिया की दवा है भारंगी (Clerodendrum Serratum for Eosinophils)

भारंगी एक आयुर्वेदिक दवा है जो इस्नोफिलिया में बेहद ही कारगर बताई गई है। इस समस्या से निताज पाने के लिए इसका काढ़ा बनाकर 1 छोटा चम्मच दिन में दो बार लगभग तीन दिनों तक सेवन करने से इस्नोफीलिया के साथ ही अस्थमा जैसी बीमारी से भी आराम मिल सकता है।

इस्नोफीलिया की दवा है अदरक (Use Ginger in Eosinophilia Disease)

अदकर लगभग हर घर में मिल सकता है। अदरक की चाय तो हम सब पीते ही हैं लेकिन, यही अदरक कई सारी समस्याओं से निताज पाने में काम आता है। इस्नोफीलिया की भी समस्या में अदरक काफी लाभ पहुंचा सकता है। इसके लिए अदकर को पीसकर चाय में डालकर पीने से राहत मिल सकता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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