ऑटोइम्यून डिजीज का आयुर्वेदिक इलाज- Autoimmune Disease ka Ayurvedic Ilaj

ऑटोइम्यून डिजीज का आयुर्वेदिक इलाज
ऑटोइम्यून डिजीज का आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic Treatment for Autoimmune Disease in hindi: शरीर में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन या फिर रोगों से लड़ने में हमारी रोग प्रतिरोधक यानी इम्यून सिस्टम अहम भूमिका निभाती है। लेकिन, जब यही कमजोर हो जाए तो हम कई सारी समस्याओं से जूझ सकते हैं। हमारा इम्यून सिस्टम टॉक्सिन, बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने में मदद करता है। लेकिन, जब इसमें कोई समस्या आ जाती है तो वो हेल्दी सेल्स पर हमला कर देते हैं और इसके कारण शरीर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती है। इस स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में ऑटोइम्यून डिजीज कहा गया है। इसे ठीक करने के लिए हम कुछ आयुर्वेदिक उपचारों की मदद ले सकते हैं। लेकिन, इससे पहले हम इसके लक्षण के बारे में जानेंगे, ताकि आप पहले ही अलर्ट हो जाए।

ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण

ऑटोइम्यून डिजीज होने पर मसल्स में दर्द हो सकती है

ऑटोइम्यून डिजीज में हल्का बुखार भी हो सकता है

इसमें कंट्रस्टेशन की समस्या आम है

पेट में दर्द हो सकता है

मुंह में छाले

हाथ और पैरों में झुनझुनी या फिर सुन्न हो जाना भी इसका लक्षण है

ब्लड के थक्के जमना भी एक कारण है

जोड़ों में दर्द

मांसपेशियों में दर्द के साथ ही कमजोरी होना

वजन कम होना

ऑटोइम्यून डिजीज का इलाज

विटामिन डी (vitamin D for Autoimmune Disease)

ऑटोइम्यून डिजीज की समस्या का समाधान विटामिन डी है। विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा में लेने से ऑटोइम्यून डिजीज को रोकने और इसके इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से बचें (Avoid taking too much protein)

ऑटोइम्यून डिजीज होने के वैसे तो कई कारण है लेकिन, उसमें से एक कारण एंटीजन-एंटीबॉडी का जटिल गठन भी शामिल है। इसमें खून में बहकर ऊतकों में जमा होकर अक्सर बेचैनी के साथ ही सूजन बन जाता है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से बचने की सलाह दी जाती है।

ऑटोइम्यून डिजीज अन्य आयुर्वेदिक उपाय

-नियमित रूप से नीम और गिलोय घनवटी की एक-एक गोली खाने से ये समस्या दूर हो सकती है।

-अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली 1-1 ग्राम खाने से भी इससे आराम मिल सकता है।

-नियमित रूप से स्पिरुलिना की एक गोली खाएं।

-रात में सोने से पहले दूध में हल्दी और शिलाजीत मिलाकर पीने से राहत मिल सकता है।

-अष्टवर्ग च्यवनप्राश का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।

-तनाव से दूर रहे

-अनियमित खान-पान से बचे

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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