बबूल को कई और नामों से भी जाना जाता है, इसका पेड़ कांटेदार, बड़े या छोटे रूप में पुरे देश में सभी गावों व शहरों में आसानी से मिल जाता है। बबूल एक ऐसा पेड़ है जिसके लगभग हर एक जीचों की अपनी अलग अहमियत है। इसके पत्ते से लेकर इसके फली तक का आयुर्वेद में कई दवाओं को बनाने और कई रोगों को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही बबूल के गोंद का भी आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
इसके फूल, जड़, छाल, पत्ते का उपयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने के किया जाता है। बबूल का गोंद शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे वजन कम करने में, पेट से जुड़ी परेशानियां दूर करने में, डायबिटीज को नियंत्रित करने आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
बबूल गोंद के पोषक तत्व
बबूल के गोंद में गैलेक्टोज, एल्डोबियो यूरोनिक एसिड और अरबिनोबायोसिस और खनिज कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है। इसके अलावा बबूल के पेड़ के फूल काफफेरोल 3, ग्लूकोसाइड, आइसो-क्वेरसेटिन और ल्यूकोसाइनाइडिन जैसे फ्लेवोनॉयड्स का एक अच्छा स्रोत हैं।
शुगर कंट्रोल करता हैअगर आप डायबिटीज या इसके खतरे से बचना चाहते हैं, तो बबूल गोंद आपकी मदद कर सकता है। आयुर्वेद में शुगर को कंट्रोल में करने के लिए इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। बबुल गोंद में मौजूद गुण बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।
वजन रहता है कंट्रोल में
वजन घटाने में बबूल गोंद काफी लाभकारी होता है। कई स्टडी में पाया गया है कि चार से छ हफ्ते तक बबूल गोंद का उपयोग करने पर बॉडी में वसा की मात्रा को कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में मोटापा कम करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
कैंसर के लक्षणों को रोकने में सहायक- बबूल का गोंद कैंसर के शुरुआती लक्षण को रोकने में बेहद उपयोगी है। यह कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
एक्जिमा को कंट्रोल करता है- स्किन में खुजली, जलन और रूखेपन जैसी समस्या को ठीक करने में बबूल गोंद बेहद उपयोगी है। बबूल गोंद में मौजूद गुण एक्जिमा को ठीक करने में मदद करते है।
तनाव- तनाव से निजात पाने के लिए बबूल गोंद काफी असरदार है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण तनाव को कम करता है।