आयुर्वेद के अनुसार, शंखपुष्पी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो दिमाग को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई और तरह की बीमारियों को दूर करने वाली औषधि के रूप में काम आती है। यह वनस्पति मुख्य रूप से दिमाग को बल देने वाली, याददाश्त और बुद्धि को बढ़ाने वाली औषधि है।
शंखपुष्पी के अलावा ब्राह्मी, भारती की प्राचीन जड़ी बूटी है। इसे तंत्रिका तंत्र और दिमाग तेज करने वाले औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में ब्राह्मी को मेध्य रसायन का नाम दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि नसों के लिए शक्तिवर्द्धक के रूप में कार्य करने वाली तथा पुनर्जीवित करने वाले तत्व से युक्त। आईए जानते हैं ब्राह्मी और शंखपुष्पी के फायदे क्या हैं।
शंखपुष्पी के फायदे- Benefits of Shankhpushpi
याददाश्त बढ़ाने में मददगार
दिमाग की मजबूती बढ़ाने के लिए माना जाता है कि शंखपुष्पी से अधी कोई औषधि नहीं है। मस्तिष्क से संबंधित रोगों के लिए शंखपुष्पी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके पूरे पौधे को ताजा पीसकर दूध या मक्खन के साथ शहद, मिश्री या शक्कर मिलाकर सेवन करने से बुद्धि में तेजी आती है।
बाल बनें लंबे और चमकदार
बालों को बढ़ाने में भी इसे काफी मददगार माना गया है। इसका जड़ सहित पूरा पौधा पीसकर उसका लेप सिर पर लगाने से बाल लंबे, सुंदर और चमकदार होते हैं। इसके जड़ को पीसकर उसके रस की कुछ बूंदें नाक में डालने से समय से पहले बाल सफेद नहीं होते।
खून की उल्टी रोके
जिन लोगों को खून की उल्टी होती है उनके लिए यह रामबाण है। 4 चम्मच शंखपुष्पी का रस, 1 चम्मच दूब घास तथा 1 चम्मच गिलोय का रस मिलाकर पिलाने से तुरंत लाभ मिलता है। इसके साथ ही डायबिटीज, अस्थमा, सर्दी, खांसी, बुखार में भी यह लाभकारी है।
ब्राह्मी के फायदे- benefits of Brahmi in hindi
स्मरण शक्ति बढ़ाएं
ब्राह्मी के सबसे बेशकीमती लाभ स्मृति, एकाग्रता और दिमाग को उत्तेजित करने की क्षमता है। आयुर्वेद में लंबे समय से इसका उपयोग किया जा रहा है। ब्राह्मी का पाउडर दूध या घी के साथ मिलाकर पीने से स्मरण शक्ति बढ़ाई जा सकती है क्योंकि, एनिमल फैट शरीर में ब्राह्मी के पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है।
अल्जाइमर
डिमेंशिया और अल्जाइमर आदि विकारों की शुरुआत में ब्राह्मी काफी लाभदायक है, यह इन्हें रोकने में मदद करती है। आयुर्वेद में तो ब्राह्मी को अल्जाइमर के लिए सबसे अच्छा उपचार बताया गया है।
सूजन
ब्राह्मी प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन को कम करके सूजन और दर्द से राहत देती है। शरीर के प्रभावित हिस्से पर ब्राह्मी पौधे की पत्तियों को मलने से इसमें मौजूद यौगिक सूजन को कम और जलन को दूर करते हैं, साथ ही शरीर के अंदर हो रही उत्तेजना को खत्म करते हैं। इसके अलावा भी इसका कई और बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।