प्राणायाम (Pranayama) करने से हमारे मन और मस्तिष्क में आने वाले बुरे विचार दूर होते हैं, मन में शांति का अभाव होता है और शरीर की कई बीमारियां दूर होती हैं। प्राणायाम में सबसे ज्यादा फायदे नाड़ीशोधन (Nadi Shodhana Pranayama) के बताए गए हैं। क्योंकि, ये एक प्रभावी प्राणायाम है जो मस्तिष्क, शरीर और भावनाओं को सही रखने में मदद करता है। नाड़ी का अर्थ होता है, 'शक्ति का प्रवाह' और शोधन का मतलब होता है 'शुद्ध करना'। जिसका अर्थ यह हुआ कि शरीर में मौजूद सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है। नाड़ीशोधन प्राणायाम से चिंता, तनाव के साथ ही अनिद्रा की समस्या भी खत्म होती है। इसे हम अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी कहते हैं।
नाड़ी शोधन प्राणायाम के लाभ
नाड़ी शोधन प्राणायाम तनाव और एंजाइटी को कम करता है और प्राणशक्ति को बढ़ाता है।
इससे ऊर्जा का वहन करने वाली सारी नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है और पूरे शरीर का पोषण भी ये करता है।
दिल के लिए रोगियों के लिए बेहद ही फायदेमंद है नाड़ीशोधन प्राणायाम।
कफ संबंधी विकारों को दूर करे।
चित्त को शांत और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है।
जीवन शक्ति को बढ़ाता है।
तनाव को कम करके जीवन स्तर को बेहतर बनाता है।
ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
फेफड़ों को ठीक रखता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
ऐसे करें नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhana Pranayama Kaise karen)
नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद कर लें।
दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नथुने को बंद कर पूरी सांस बाहर निकालें।
अब बाएं नथुने से सांस लेते हुए मध्यमा अंगुली से बाएं नथुने को बंद कर कुछ देर सांस को अपनी क्षमतानुसार अंदर रोक कर रखें।
इसके बाद दायां अंगूठा हटाकर सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें।
1-2 सेकंड सांस को बाहर छोड़ें।
इस प्रक्रिया को दाएं नथुने से भी दोहराएं।
इस एक चक्र को 5-7 मिनट करें।
इसे खाली पेट करना चाहिए।
इसे करने के दौरान मुंह से सांस न लें और साथ ही जल्दबाजी भी न करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।