कुछ ऐसे फल हैं, जैसे सेब, अमरूद, केल, अनार आदि जिनके बारे में हर कोई जानता है। लेकिन दुनिया भर में फलों के ऐसी-ऐसी किस्में पाई जाती हैं, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता होगा।क्या आपने कभी हनुमान फल (Hanuman Phal) के बारे में सुना है? हनुमान फल एक उष्णकटिबंधीय सदाबहार पेड़ का फल है। हनुमान फल ज्यादातर मेक्सिको और साउथ अमेरिका जैसे देशों में पाया जाता है। इसके फलों का इस्तेमाल फूड कन्फेक्शनरी के तौर पर किया जाता है, जबकि पत्ते, छाल, जड़ें, फली और बीजों का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए पारंपरिक काढ़ा बनाने में किया जाता है।ये फल एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-आर्थ्रिटिक, एंटीकैंसर, एंटीकॉन्वल्सेंट, एंटीमाइक्रोबियल, हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटीडायबिटिक मैकेनिज्म के लिए फायदेमंद है। आइए जानते है इसके फायदे।
हनुमान फल खाने के फायदे : Benefits Of Hanuman Phal In Hindi
कैंसर के मरीजों के लिए फायदेमंद -
ऐसा माना जाता है कि हनुमान फल और इसकी पत्तियों के सेवन से लगभग 12 टाइप के कैंसर सेल्स को मात दी जा सकती है। कई लोग इस फल को नेचुरल कीमोथैरेपी मानते हैं। इसमें क्विनोलोन, एसिटोजिनिन और अल्कलॉइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो कैंसर (Cancer) को रोकने और ट्यूमर के साइज को घटाने में मदद करते हैं। साथ ही ये फल ब्रेस्ट कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और पेनक्रिएटिक कैंसर से भी बचा सकता है।
UTI को रोकने में मददगार -
UTI या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आज के समय में महिलाओं की सबसे कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक है। लेकिन हनुमान फल खाने से इस परेशानी से लड़ने में काफी मदद मिल सकती है। ये फल विटामिन C से भरपूर होता है। जिसकी वजह से ये यूरिन में एसिडिक लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।
डाइजेशन के लिए अच्छा -
विटामिन C से भरपूर हनुमान फल डाइजेशन सिस्टम के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अगर इसका सेवन रोजाना किया जाए तो ये डाइजेशन से जुड़ी सभी परेशानियां दूर कर सकता हैं। अगर आप पाचन से जुड़ी दिक्कतों से परेशान हैं तो इस फल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
वॉटर रिटेंशन रोकता है -
कई महिलाएं वॉटर रिटेंशन की वजह से पीरियड्स के दौरान काफी फूला हुआ महसूस करती हैं। हालांकि हनुमान फल खाने से उनकी ये समस्या दूर हो सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।