आयुर्वेद के जरिए बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज संभव है। पहले लोग ज्यादातर ऐसी आयुर्वेदिक चीजों का प्रयोग करते थे जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता था। वैसे भी भारत एक ऐसा देश है जिसके जंगलों में बहुत सी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं और इसी वजह से भारत को औषधि का भंडार भी कहा जाता है। कई औषधियों को मिलाकर बना पंचगुण तेल एक ऐसा आयुर्वेदिक तेल है जो कई बीमारियों के लिए लाभकारी है।
पंचगुण तेल जोड़ो के दर्द, कान दर्द, व्रण (घाव) के उपचार एवं अन्य वात व्याधियों के कारण होने वाली शूल (तीव्र पीड़ा) में उपयोगी है। पंचगुण तेल शरीर में वात एवं पित्त का संतुलन करता है।
यह तेल एंटीसेप्टिक गुणों से युक्त होता है अत: त्वचा के विकार जैसे घाव आदि में फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में इसका वर्णन सिद्धयोग संग्रह के वात रोग अधिकार में किया गया है। इसके निर्माण में लगभग 16 आयुर्वेदिक द्रव्यों का इस्तेमाल किया जाता है।
पंचगुण तेल के फायदे | Benefits of Panchguna tel
जोड़ो के दर्द संधिवात या एकांगवात में मालिश करने से लाभ मिलता है।
कर्णशूल (कान के दर्द) में इसकी बूंदों को कान में डालने से आराम मिलता है।
आमवात में पंचगुण तेल की मालिश काभी लाभकारी होती है।
इसके मालिश से शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द से निजात पाया जा सकता है।
बुखार के दौरान होने वाली शारीरिक पीड़ा में इसके तेल से मालिश करने से काफी आराम मिलता है।
मांसपेशियों का दर्द है तो इसका इस्तेमाल करें काफी लाभ मिलेगा।
किसी भी घाव पर लगाने से जल्द ठीक हो जाता है।
नियमित अभ्यंग से वात व्याधियों के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है।