गन्ने या ताड़ के रस से बनाई जाने वाली धागे वाली मिश्री स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती है। इसमें कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं और आयुर्वेद में इसका आदि काल में खूब प्रयोग पाया जाता है। ये वजन कम करने से लेकर पाचन में भी मदद करती है। साथ ही एनीमिया रोग, सर्दी जुकाम, रक्त का स्तर बढ़ाने में भी मिश्री चमत्कारी है।
पाचन शक्ति बढ़ाती है मिश्री
अगर आपको अपना पाचन शक्ति बढ़ाना है तो मिश्री का सेवन करें। खाने के बाद मिश्री का सौंफ के साथ सेवन करें। इसमें डाइजेस्टिव गुण मौजूद होते हैं, जिससे खाने को पचाने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था में फायदेमंद
जब महिलाएं गर्भावस्था में होती हैं तो उस दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से अक्सर चिंता, तनाव और अवसाद की समस्या रहती है। ऐसे में मिश्री का सेवन करने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है। गर्भावस्था में महिलाओं को रोज रात को सोने से पहले मिश्री वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है।
याददाश्त होती है तेज
मिश्री के सेवन से याददाश्त भी तेज होती है। आयुर्वेद में मिश्री का उपयोग मानसिक स्वास्थ्य की दवा में भी किया जाता है। रोज इसके सेवन से याददाश्त मजबूत होती है और साथ ही मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाती है
मिश्री कितनी लाभकारी है इसका अंदाजा इससे ही लगा लें कि इसके सेवन से आंखों रोशनी तेज की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए मिश्री के साथ सौंफ और बादाम को भी मिलाना पड़ेगा। इन तीनों को पीसकर रख लें और फिर रोजाना सुबह और शाम एक गिलास दूध के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करने से आंखों की रोशनी में फायदा होगा।
बढ़ती है भूख लगने की क्षमता
मिश्री में बना बादाम का मुरब्बा खाने से भूख अधिक लगती है। इसके लिए बादाम को आधे दिन पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद बादाम के ऊपर का छिलका हटाकर उसे मिश्री की बनी चाशनी में मिलाकर मुरब्बा बना लें और इसे रोज खाएं इससे भूख लगने की क्षमता बढ़ने लगेगी।