अपर बॉडी स्ट्रेंथ (शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत) बहुत ज़रूरी होती है। एक मज़बूत अपर बॉडी आपका आत्मविश्वास बढ़ाती है। एक स्वस्थ अपर बॉडी की बदौलत आपका शरीर उठते-बैठते समय स्थिर रहता है। खिलाड़ियों और एथलीट्स को गति, संतुलन और ताकत पाने के लिए अपनी अपर बॉडी पर काम करना पड़ता है। तो आइये आपको बताते हैं 8 ऐसी एक्सरसाइज़ जो आपको मज़बूत अपर बॉडी बनाने में मदद करेंगी।
#1 क्लोज़ ग्रिप चिन-अप
इस एक्सरसाइज़ को करने से कमर और बाइसेप्स पर असर होता है। ये आपकी कमर के बीच के हिस्से पर भी प्रभाव डालती है। पहला स्टेप: एक चिन-अप बार को अंडरहैंड ग्रिप (इसमें हथेलियां आपकी तरफ होती हैं) से पकड़ें। अपने दोनों हाथों के बीच 5 से 9 इंच की दूरी रखें। दूसरा स्टेप: अब शरीर को ढीला छोड़ दें। तीसरा स्टेप: अपनी दोनों टांगों को जोड़ लें। चौथा स्टेप: अब अपने आपको तब तक ऊपर की तरफ खीचते रहें, जब तक आपकी छाती रॉड से ना लगे। थोड़ा रुकें और फिर धीरे धीरे नीचे आ जाएं। 10 रैप्स (रेपीटीशंस) के साथ 3 सेट्स करें। हर सेट के बीच में 30 सेकंड का विश्राम करें।
#2 वाइड ग्रिप पुश-अप
ये बिलकुल साधारण पुश-अप्स की तरह होता है। सारा अंतर केवल हाथों की पोज़ीशन का होता है। पहला स्टेप: अपने हथेलियों और पंजों के बल पर प्लैंक पोज़ीशन में आ जाएं। अपने हाथों को कंधों की चौड़ाई से ज़्यादा दूरी पर रखें। दूसरा स्टेप: अब कोहनियों को मोड़ते हुए अपनी छाती को ज़मीन के पास लेकर जाएं। 1-2 सेकंड रुकें। तीसरा स्टेप: अब धीरे-धीरे ऊपर की तरफ आ जाएं। 14-20 रैप्स के साथ 3 सेट्स करें।
#3 बारबैल बैंच प्रैस
बैंच प्रैस छाती, कंधों और ट्राइसेप्स को मज़बूत बनाने का काम करती है। ये एक ऐसी एक्सरसाइज़ है जिसे आप छोड़ नहीं सकते। पहला स्टेप: एक फ़्लैट बैंच पर कमर के बल लेट जाएं और अंडरहैंड ग्रिप से रॉड पकड़ें। हाथों के बीच की दूरी कंधों के बीच की दूरी से ज़्यादा हो। दूसरा स्टेप: अब धीरे-धीरे रॉड को उठाना शुरू करें और तब तक ऊपर की तरफ लेकर जाते रहें। ध्यान रहे कि कोहनियां लॉक ना हो जाएं। तीसरा स्टेप: अब धीरे-धीरे सारा वज़न अपनी छाती की ओर लेकर आएं और सांस लेते रहें। 10-12 रैप्स के साथ 2-3 सेट्स करें। हिप्स को बैंच से ना उठाएं और सिर को बैंच से नीचें की तरफ ना गिराएं।
#4 इंक्लाइन डंबल फ्लाई
ये एक्सरसाइज़ अपर चेस्ट और कंधों के लिए लाभदायक है। पहला स्टेप: एक इंक्लाइन बैंच पर तिरछे होकर (45 डिग्री) बैठें और ओवरहैंड ग्रिप से दो डंबल्स पकड़ें। दूसरा स्टेप: अब धीरे-धीरे हाथ सीधे कर लें। तीसरा स्टेप: हाथों को इसी पोज़ीशन में अंदर की तरफ लाएं। चौथा स्टेप: अब हाथों को बाहर की तरफ लेकर जाते हुए पहले जैसी पोज़ीशन में आ जाएं। 10-12 रैप्स के साथ 2 सेट्स करें।
#5 डायमंड पुश-अप्स
ये एक्सरसाइज़ आपके ट्राइसेप्स के हर हिस्से पर असर डालती है। अगर अच्छी तरह से की जाए तो ये एक्सरसाइज़ अच्छे नतीजे दे सकती है। पहला स्टेप: पुश-अप्स करने वाली प्लैंक पोज़ीशन में आ जाएं। दूसरा स्टेप: अब अपने हाथों को पास लाते हुए इस तरह मिलाएं कि डायमंड का आकार बन जाए। तीसरा स्टेप: अब साधारण पुश-अप्स वाली प्रक्रिया दोहराएं। नीचे आएं और धीरे धीरे ऊपर जाएं। 10-15 रैप्स के साथ 3-5 सेट्स करें।
#6 वाइड ग्रिप बारबैल अपराइट रो
वाइडग्रिप बारबैल अपराइट रो एक कंपाउंड एक्सरसाइज़ है कंधों को चौड़ा करने के लिए डेल्टॉयड्स पर असर डालता है। पहला स्टेप: ओवरहैंड ग्रिप से बारबैल पकड़ें। अपने हाथों की दूरी कंधों की चौड़ाई से ज़्यादा रखें। दूसरा स्टेप: शरीर सीधा रखें। तीसरा स्टेप: अब धीरे-धीरे कोहनियों का इस्तेमाल करते हुए बार को छाती तक लाएं। 1-2 सेकंड के लिए रुकें। चौथा स्टेप: अब धीरे धीरे बारबैल नीचे की तरफ लाएं। 10-12 रैप्स के साथ 2 सेट्स करें।
#7 बारबैल पुश प्रैस
कंधों के ऊँचाई पर ओवरहैड ग्रिप से बारबैल पकड़ें। कोहनियां आगे की तरफ हों। दूसरा स्टेप: हल्के से घुटने और हिप्स मोड़ें। तीसरा स्टेप: टांगों के ज़ोर से धीरे-धीरे वज़न ऊपर की तरफ उठाएं और बार सिर से ऊपर ले जाएँ। कोहनियां सीधे रखें। कुछ देर तक उसी पोज़ीशन में रहें और फिर पहली जैसी पोज़ीशन में वापस आ जाएं। 10-12 रैप्स के साथ 3 सेट्स करें।
#8 प्लैंक-अप्स
प्लैंक-अप्स को हमेशा कम आंका जाता है लेकिन ये काफी असरदार एक्सरसाइज़ है। प्लैंक-अप आपकी छाती, कंधों और एब्डॉमिनल मसल्स पर काम करता है। पहला स्टेप: प्लैंक पोज़ीशन में आ जाएं। शरीर को फोरआर्म और पैरों के पंजों के बल पर प्लैंक पोज़ीशन में रखें। दूसरा स्टेप: अब पहले दायां हाथ थोड़ा सा पीछे ले जाकर ज़मीन पर टिकाएं। उसके बाद फिर बायां हाथ टिकाएं। थोड़ा ऊपर उठें। तीसरा स्टेप: अब पहले दाएं हाथ को आगे ले जाकर फोरआर्म के बल टिकाएं और उसके बाद यही प्रक्रिया बाएं हाथ के साथ करें। 15-20 रैप्स के साथ 3 सेट्स करें।
लेखक: अंतरिक्ष जैसवाल, अनुवादक: उदित अरोड़ा