असंतुलित और बिगड़ा हुआ खानपान पेट संबंधित कई परेशानियों का कारण बन सकता है। इसमें एसिडिटी की भी समस्या हो सकती है और इस समस्या से शायद ही कोई बच पाया हो। एसिडिटी (Acidity hone par kya khaye) की समस्या अत्यधिक तैलीय, नमकीन, मसालेदार या मीठा खाने की वजह से हो सकती है। इसके साथ ही कैफीन, तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन करने से भी ये समस्या हो सकती है। अगर कोई योगासन (Acidity ke liye yoga) को अपने जीवन में अपना ले तो वो एसिडिटी की समस्या से बच सकता है।
एसिडिटी के लिए बेहतरीन योगासन - Acidity ke liye behtarin yogasana in Hindi
अनुलोम विलोम योगासन (Anulom Vilom Yogasan for acidity)
एसिडिटी की समस्या से परेशान हैं तो अनुलोम विलोम प्राणायाम का रोजाना अभ्यास करना शुरू कर दें। इससे काफी हद तक इस परेशानी से राहत पाया जा सकता है। साथ ही गैस की समस्या से भी छुटकारा मिलेगी।
हलासन (Do Halasana yoga to eliminate acidity)
हलासन हल की तरह दिखाई देता है, जिस वजह से इसे हलासन के नाम से जाना जाता है। हलासन को करने से कब्ज, अपच व अन्य पाचन संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसे नियमित रूप से करने से एसिडिटी और गैस की समस्या से राहत मिलता है।
वज्रासन (vajrasana for acidity)
एसिडिटी के साथ ही गैस की भी समस्या के लिए वज्रासन काफी लाभकारी योग माना जाता है। इस योग के करने से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। वज्रासन करने से ब्लड फ्लो बढ़ जाता है जिससे कब्ज, एसिडिटी, पाइल्स, आंतों की गैस आदि में आराम मिल सकता है।
उष्ट्रासन (Acidity is removed by Ustrasana yoga)
पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में उष्ट्रासन काफी मदद करता है। एक रिसर्च की मानें तो इस योग को करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और साथ ही एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिलता है।
पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana to get relief from acidity)
पाचन संबंधी समस्याओं के लिए पवनमुक्तासन काफी फायदेमंद है। एसिडिटी की समस्या है तो इस योग को नियमित रूप से करना शुरू कर दें। सिर्फ एसिडिटी ही नहीं बल्कि पाचन में भी सुधार होगा।
कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama for acidity)
कपालभाति प्राणायाम एसिडिटी और गैस की समस्या में काफी लाभ पहुंचा सकता है। एक रिसर्च की मानें तो,कपालभाति पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके साथ ही यह श्वसन मार्ग को साफ करने और डायाफ्राम को मजबूत बनाने में मदद करता है। डायाफ्रामिक को मजबूत कर यह पेट से अन्नप्रणाली तक गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स को कम कर सकता है। एसिडिटी को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग के रूप में जाना जाता है। ऐसे में इस योग को करने से एसिडिटी की समस्या में लाभ मिल सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।