हेपेटाइटिस C (Hepatitis C) एक वायरल इंफेक्शन है जिससे लीवर से संबंधित बीमारी होती है। हेपेटाइटिस C के कारण लिवर फैलियर या कैंसर की संभावना बढ़ सकती है। यह वायरस संक्रमित खून से फैलता है। हर पुराना हेपेटाइटिस C संक्रमण एक तीव्र चरण से शुरू होता है। हेपेटाइटिस C के लक्षणों में थकान, मतली, बुखार और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ पीलिया भी शामिल हो सकता है। तीव्र लक्षण वायरस के संपर्क में आने के एक से तीन महीने बाद और पिछले दो सप्ताह से तीन महीने तक दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को आयुर्वेदिक इलाज से ठीक किया जा सकता है। इस लेख में हेपेटाइटिस C के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताया गया है।
हेपेटाइटिस C के 5 आयुर्वेदिक इलाज
1. आंवला से करें उपचार (Indian gooseberry)
आंवला मे विटामिन C होता है जो लीवर को हर तरह से फायदा पहुंचाता है। आंवला में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर से टॉक्सिन को हटाने में मदद करते हैं। लीवर हमारे शरीर का वह अंग है जहां सबसे ज्यादा टॉक्सिन पाया जाता है। आंवले के उपयोग से इम्युनिटी बढ़ती है और पाचन शक्ति मजबूत होती है। कच्चे आंवले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सलाद में मिलाकर खा सकते हैं। इसके अलावा आंवले को चटनी और जूस के रूप में भी खा सकते हैं।
2. हल्दी का प्रयोग करें (Turmeric Powder)
हल्दी को एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट माना जाता है। हल्दी का एंटी-वायरल हेपेटाइटिस C के वायरस को बढ़ने से रोकता है। हल्दी को इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका है कि खाना बनाते समय मसालों के साथ मिलाकर खाएं या दूध में हल्दी मिलाकर प्रतिदिन पियें।। इससे आपको निश्चित रूप से फायदे मिलेंगे।
3. शहद और मुलेठी पाउडर (Honey and liquorice powder)
शहद और मूलेठी पाउडर का उपयोग हेपिटाइटिस C की बीमारी को दूर करता है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर संबंधित बीमारी के उपचार में होता आ रहा है। मुलेठी पाउडर हमारे लिवर को बहुत फायदा पहुंचाती है। 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच मुलेठी पाउडर मिलाकर प्रतिदिन खाएं। यह हेपेटाइटिस C के उपचार में फायदेमंद होता है।
4. लहसुन (Garlic)
लहसुन हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। लहसुन में अधिक मात्रा में सेलेनियम पाया जाता है जो लिवर को स्वस्थ रखने में सहायता करता है और रक्त को साफ करता है। रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक से दो कली खाएं। खाना बनाने में भी लहसुन का प्रयोग करें।
5. ग्रीन-टी और काली गाजर (Green Tea and Black Carrots)
काली गाजर के बहुत फायदे होते हैं। यह विटामिन से भरपूर होती है। काली गाजर को खाने से खून की कमी पूरी होती है और यह रक्त संचार को सुधारती है। हेपेटाइटिस C में गाजर को सलाद के रूप में खाने से बहुत फायदा मिलता है। ग्रीन-टी में एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जिससे लिवर की सफाई में मदद होती है और लिवर अच्छे से काम करता है। हेपेटाइटिस C से बचाव के लिए ग्रीन-टी को अपनी डाइट मे शामिल करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।