दिल में छेद (hole in heart) के बारे में आप ने कभी ना कभी सुना ही होगा। यह स्थिति जन्म से या फिर किसी अन्य हृदय समस्या के कारण उत्पन्न हो सकती है। दिल में छेद की समस्या बच्चों में ज्यादातर देखी गयी है। डॉक्टर जन्म के वक़्त ही इस स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। यह आमतौर पर बच्चे में जन्मजात ही होता है लेकिन कई बार इसके लक्षण दिखने में समय लग जाता है या दिखते ही नहीं हैं। यदि हृदय सम्बंधित समस्या हो तो दिल के डॉक्टर को जरूर दिखाएँ जिससे समय पर सही इलाज हो पाए। दिल में छेद होना अक्सर लोगो को डरा सकता है और ऐसे में लोग इलाज के लिए गलत फैसला ले लेते हैं। लेकिन डरने की जगह आप दिल में छेद होने के लक्षणों को समय पर जानें और समझें ताकि इलाज समय पर किया जा सके। इस लेख में दिल में छेद होने के कारण और लक्षण के बारे में बताया गया है। आइये इस विषय पर और जाने।
दिल में छेद होने के कारण और लक्षण - Dil Mein Ched Hone Ke Karan Aur Lakshan In Hindi
दिल में छेद होने के कारण :
हेरिडिटी (Heredity) - यह समस्या हेरिडिटी यानी माता-पिता से मिलती है।
डिफिशिएंसी (Deficiency) - बच्चे को पोषक तत्व ना मिलने से दिल में छेद और अन्य शारीरिक बीमारियां पैदा हो सकती हैं।
एल्कोहल (Alcohol) - प्रेगनेंसी के दौरान शराब के सेवन से बच्चे में यह स्थिति बन सकती है।
वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) - वायरल इन्फेक्शन में होने वाले दुष्प्रभावों से दिल में छेद उत्पन्न हो सकता है।
स्मोकिंग (Smoking) - गर्भवस्था में धूम्रपान से भी यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दिल में छेद होने के लक्षण :
1. गर्मी में ठंड, अधिक ठंड लगना बच्चों में हृदय समस्या का लक्षण हो सकता है।
2. दूध पीते समय बच्चे का रोना, थकावट महसूस करना और दूध ना पी पाना।
3. अत्याधिक पसीना आना
4. बार-बार लंग इन्फेक्शन होना या निमोनिया होना
5. शरीर का वजन धीरे-धीरे बढ़ना
6. चेस्ट में सूजन होना
7. होंठ-स्किन नीला हो जाना
*इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं और अपने बच्चे की जांच करवाएं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।