कोरोना Corona महामारी से तो सभी लोग जूझ रहें हैं। अब भले ही कोरोना के केस कम हो गए हों लेकिन फिर भी कोरोना का कहर अभी तक कम नहीं हुआ है। कोरोना से बचने के लिए सरकार के तरफ से वैक्सीन बनाई गई। जिसको लगवाना सभी के लिए जरूरी है। लेकिन सुरक्षा को देखते हुए बूस्टर डोज़ भी बनाया गया। जिससे लोगों की कोविड से पूरी तरह से सुरक्षा की जा सके। बूस्टर डोज को लगाने से लोग कोरोना से पूरी तरह से बचे रह सकते हैं। कोविड-19 वैक्सीन covid-19 vaccine की दूसरी खुराक के 9 महीने बाद बूस्टर डोज दिया जाता है। वहीं 10अप्रैल को केंद्र सरकार ने 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए निजी केंद्रों पर बूस्टर खुराक को मंजूरी दी थी
बूस्टर खुराक क्यों है जरूरी ?
कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान अभी भी जारी है। इस बीच बूस्टर डोज booster doseभी दिए जा रहे हैं। ऐसा देखा जाता रहा है कि कोरोना के टीके गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में प्रभावी रहे हैं। मेडिकल एजेंसी सीडीसी के मुताबिक एक समय बाद इन टीकों की सुरक्षा कम हो सकती है। शोध से पता चला है कि बूस्टर डोज न सिर्फ इम्यूनिटी immunity को बढ़ाता है बल्कि ओमिक्रॉन omicron जैसे वेरिएंट के खिलाफ भी इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक होता है। ऐसे में बूस्टर डोज लेने से इस गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा मजबूत होती है।
बूस्टर खुराक को वही लोग लगवा सकते हैं जिनको दूसरी डोज लगाए हुए 9 महीने पूरे हो गए हों। पहले बूस्टर खुराक सिर्फ 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी, अग्रिम मोर्चे में शामिल कार्यकर्ताओं को ही दी जा रही थी। लेकिन अब बूस्टर डोज़ सभी लोगों को लगाना जरूरी हो गया है।
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