भले ही आप अंडा खाना पसंद करते हों या नहीं लेकिन आपने एक लाइन जरूर सुनी होगी कि देसी अंडा, नॉर्मल सफेद अंडे से अच्छा होता है। देसी अंडा आमतौर पर भूरे रंग का होता है, जबकि ज्यादातर बाजारों में मिलने वाला अंडा सफेद रंग का होता है। ज्यादातर लोग सफेद अंडे का सेवन करते हैं क्योंकि वो बहुत ही सस्ता आता है। आपको 6-7 रूपये में एक कच्चा सफेद अंडा मिल सकता है। वहीं देसी अंडा काफी महंगा होता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या वाकई सफेद अंडे के मुकाबले देसी अंडों में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं और वो शरीर को ज्यादा फायदा पहुंचाते हैं। अगर आपने ऐसा सुना है और यही मानते आ रहे हैं तो आप गलत हैं। कई सारी रिसर्च में पाया गया है कि देसी अंडे और नॉर्मल सफेद अंडों के मिलने वाले पोषक तत्व एक जैसे ही होते हैं। यानी भले ही आप सफेद अंडा खाएं या फिर देसी अंडा। आपको उतनी ही मात्रा में प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व हासिल होंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि जब पोषक तत्वों की मात्रा एक जैसे ही होती है, तो देसी अंडा इतना महंगा क्यों आता है? दरअसल जिन मुर्गियों से देसी अंडे मिलते हैं, वो भूरे रंग की होती है। आमतौर पर देसी मुर्गी दिन में एक ही अंडा देती है। इस मुर्गी को काफी मात्रा में खिलाना-पिलाना पड़ता है और इसके रख-रखाव पर काफी खर्च आता है। जबकि सफेद वाली मुर्गियों को पोल्ट्री फार्मों में रखा जाता है और वहां मुर्गियों की तादाद हजारों में है। जाहिर सी बात है कि ज्यादा प्रोडक्शन की वजह से रेट सस्ते होते हैं। सफेद मुर्गियों को ज्यादा चारे की जरूरत नहीं पड़ती। इन सब वजहों से देसी अंडे, सफेद अंडों के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं। पोषक तत्वों की बात करें तो दोनों ही तरह के अंडों में एक जैसी ही मात्रा होती है। एक छोटे अंडे में 3-4 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि मीडियम और बड़े साइज़ के अंडे में 6 ग्राम तक प्रोटीन होता है। अंडे के सफेद और पीले वाले हिस्सों मेें मौजूद पोषक तत्व भी एक जैसे ही होते हैं। अगर आपको कोई कहे कि देसी अंडे खाने चाहिए, तो उन्हें अब आप सही से समझा पाएंगे।