सदियों से, हमने अपने दादा-दादी से दैनिक जीवन में देसी घी के फायदों के बारे में बहुत सुना है। हमने दोपहर के भोजन और रात के खाने में एक चम्मच घी खाने की परंपरा का पालन किया है जो पीढ़ियों से चली आ रही है। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि हमारे पूर्वज मिलावटी नहीं बल्कि शुद्ध घी का सेवन करते थे। देसी घी के लाभ तभी प्राप्त होते हैं जब शुद्ध देसी गाय के घी का सेवन किया जाता है। घी कैलोरी से भरपूर भोजन है। 100 ml घी 883 कैलोरी ऊर्जा देता है। घी विशुद्ध रूप से फैट होता है और इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, चीनी या फाइबर की कोई महत्वपूर्ण मात्रा नहीं होती है। 100 ml घी में लगभग 99.8 ग्राम (gm) फैट होता है। घी में मौजूद ज्यादातर फैट सैचुरेटेड फैट (saturated fat) होता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल भी होता है। देसी घी विटामिन A, विटामिन E और विटामिन K से भी भरपूर होता है अगर घी का स्रोत घास-पात वाली गायों का दूध है। इसमें ब्यूटिरिक एसिड भी होता है। आगे देसी घी खाने के कुछ फायदों को जानते है:-
तेज़ दिमाग, अच्छी सेहत, मजबूत हड्डियां पाने के लिए करें देसी घी का सेवन : Benefits Of Desi Ghee In Hindi
1. पाचन में सुधार करता है (Improve Digestion)
देसी घी सबसे आसानी से पचने योग्य डेयरी फैट (dairy fat) के रूप में जाना जाता है। यह उचित पाचन में मदद करता है, कब्ज़ (constipation) को रोकता है। घी में ब्यूटिरिक एसिड (butyric acid) होता है जो आंतों की कोशिकाओं को पोषण देता है। यह एसिड सूजन को कम करने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। मक्खन या तेल के विपरीत, घी पाचन की प्रक्रिया को तेज करता है।
2. वजन घटने के लिए (Helps weight loss)
ब्यूटिरिक एसिड (butyric acid) जो पाचन में मदद करता है, जिद्दी शरीर की चर्बी को जलाने में भी मदद करता है जिससे मेटाबोलिज्म में वृद्धि होती है। कई डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए मक्खन के बजाय देसी घी की सलाह देते हैं।
3. इम्युनिटी में वृद्धि (Increase in Immunity)
A, D, E और K जैसे फैट्स में घुलनशील विटामिन से भरपूर, देसी घी इम्युनिटी (immunity) को मजबूत करने में मदद करता है। यह विटामिन हृदय, मस्तिष्क और हड्डियों के विकास के कामकाज में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
4. सूजन को कम करना (Reduce inflammation)
ब्यूटायरेट एनीमा (butyrate enemas) और ओरल ब्यूटायरेट सप्लीमेंट (घी में मौजूद) उन रोगों के इलाज के लिए फायदेमंद होते हैं जो आंतों में सूजन पैदा कर सकते हैं। कुछ उदाहरण अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) और क्रोहन रोग (Crohn’s disease) हैं। घी में यह पोषक तत्व सूजन को कम कर सकते हैं।
5. लैक्टोज असहिष्णुता के लिए घी (Ghee for Lactose Intolerance)
अगर आप लैक्टोज इंटॉलरेंट (lactose intolerant) या कैसिइन इनटॉलेरेंट (casein intolerant) हैं तो भी आप देसी घी का सेवन बिना किसी चिंता के कर सकते हैं। घी मक्खन/लोनी से बनाया जाता है, इसलिए इसमें दूध के ठोस पदार्थ या अन्य अशुद्धियाँ नहीं होती हैं जो आमतौर पर अन्य डेयरी उत्पादों में होती हैं। साथ ही देसी घी में कैसिइन (Protein) बहुत कम मात्रा में मौजूद होता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।