डायबिटीज होने पर यह शरीर के कई अंगों के काम को प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर किडनी, हृदय, आंखों और मस्तिष्क पर पड़ता है। इसके अलावा हड्डियां भी प्रभावित होती हैं। डायबिटीज होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर जोड़ों पर पड़ता है। एक शोध के मुताबिक मधुमेह से ग्रस्त महिलाएं जिनकी उम्र 40 से अधिक हो, उनमें नॉन वर्टेब्रल फैक्चर का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस का होता है खतरा (Risk of osteoporosis)
एक रिसर्च की माने तो, टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों की बोन क्वालिटी बेहद कमजोर होती है और इससे हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस हो जाती है। लंबे समय से इस बीमारी से पीड़ित मरीजों, अनियंत्रित रक्त शर्करा और जो लोग इंसुलिन लेते हैं उनमें इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
हड्डियों को कैसे प्रभावित करता है हाई ब्लड शुगर (How high blood sugar affects bones)
अनियंत्रित ब्लड शुगर शरीर में बोन सेल्स के फॉर्मेशन को रोकता है जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही शुगर के मरीज जिसका किडनी डैमेज हो चुका हो, उनके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है जिससे हड्डियां प्रभावित होती हैं। इसके अलावा, कई दवाइयां जो शुगर लेवल कंट्रोल करने में सहायक हैं, उनके सेवन से साइड इफेक्ट के कारण हड्डियों को नुकसान हो सकता है।
क्यों रहता है टाइप 1 डायबिटीज मरीजों को ज्यादा खतरा (Why Type 1 diabetes patients are at higher risk)
हड्डियां कमजोर होने के सबसे ज्यादा मामले उन लोगों में देखे गए हैं, जो लंबे समय से डायबिटीज से प्रभावित हैं और लगातार इंसुलिन का प्रयोग कर रहे हैं। दरअसल टाइप 1 डायबिटीज ज्यादातर कम उम्र में ही हो जाता है और जब हड्डियों का विकास हो रहा होता है तब ऐसे लोगों के ब्लड में शुगर बढ़ी होने के कारण हड्डियां अच्छी तरह मजबूत नहीं हो पाती हैं।
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