ब्रॉयलर चिकन (Broiler Chiken) यानी मुर्गी की एक तरह की ब्रीड है। जो मांस के ज्यादा उतपादन के लिए उपयोग की जाती है। ब्रॉयलर मुर्गी के सफेद पंख और पीली वसा होती है। 70- 90 प्रतिशत का ब्रॉलर मांस दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाता है। ब्रॉयलर मुर्गी कम लागत वाली होती हा जिसकी डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है। और इसके पीछे का कारण यह है कि ये बहुत जल्दी बढ़ जाती है। इसका लगभग 13 से 14 हफ्तों में वजन बढ़ जाता है। जो 35 से 45 दिनों के भीतर 2 कि. ग्रा. तक पहुंचता हैं। अब दुनियाभर में ब्रॉयलर फ़ार्म की भरमार है, और यही नहीं अब छोटे से छोटे गांव में इसके फार्म देखने को मिल जाते हैं। लेकिन क्या ब्रॉयलर चिकन खाना सेहत के लिए ठीक रहता है। इसके बारे में आज हम इस लेख में जानेंगे।
ब्रॉयलर चिकन खाने के नुकसान
ब्रॉयलर चिकन का सेवन सेहत (Health) के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसमें न्यूट्रिशन की मात्रा न के बराबर होती है। ब्रॉयलर चिकन में फैट (Fat), प्रोटीन, कार्ब्स, कैलोरी की मात्रा देसी चिकन के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है। देसी चिकन का सेवन कभी भी हेल्थ के लिए खराब नहीं होता है लेकिन ब्रॉलर चिकन शरीर को मोटा कर सकता है साथ ही कई गंभीर बीमारीयां भी साथ लाता है।
ब्रॉयलर चिकन और देसी चिकन के स्वाद (Taste) में काफी हद तक अंतर देखने को मिलता है। ब्रॉयलर चिकन में ब्लैंड जैसा टेस्ट होता है वहीं देसी चिकन का स्वाद बहुत ही अलग और नेचुरल होता है। देसी और ब्रॉयलर चिकन की महक भी बहुत अलग होती है।
देसी मुर्गों (desi chickens) को खुली हवा में पाला जाता है। वहीं ब्रॉलर मुर्गों को फार्म में पाल कर बड़ा किया जाता है। देसी मुर्गों को अच्छी तरह के दाने दिए जाते हैं। उन्हें विटामिन डी (Viatmin d) भी पूरी तरह से प्राप्त होता है। वहीं इसके उलट ब्रॉलर चिकन 45 से 60 दिन में ही बड़े हो जाते हैं। देसी मुर्गों को बढ़ने में करीब 200 दिन लगते हैं। इसलिए देसी चिकन का सेवन ज्यादा सही और सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।
ब्रॉयलर चिकन खाने के कई नुकसान हो सकते हैं। क्योंकि उन्हें जल्दी बड़ा करने के लिए इंजेक्शन दिए जाते हैं और चिकन को यदि कोई बीमारी होती है, तो वह हमारे शरीर में भी पहुच सकती है। इसलिए ब्रॉयलर चिकन न खाने की सलह दी जाती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।