बंद नाक को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये बीमारी - Band naak ko n kare najarandaj, ho sakti hai ye bimari

बंद नाक को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये बीमारी
बंद नाक को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये बीमारी

शरीर में अक्सर ही छोटी-मोटी दिक्कतें होती रहती हैं जिनको ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार शरीर में होने वाली मामूली परेशानी या दर्द किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। इसमें से एक है साइनस जिसे साइनोसाइटिस भी कहा जाता है। इसके लक्षणों को लोग हल्के में ले लेते हैं, जबकि ऐसा करने का परिणाम गंभीर भी हो सकता है। बंद नाक को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि, यह साइनस की बीमारी के संकेत हो सकते हैं।

क्यों होता है साइनस |Why does sinus happen

मस्तिष्क में कई छेद होते हैं, जो सांस लेने में हमारी मदद करते हैं। मस्तिष्क में मौजूद इन छोटे छिद्रों को ही साइनस कहा जाता है। जब इन छिद्रों में बलगम भर जाता है और इंसान को सांस लेने की प्रक्रिया में दिक्कतें आने लगती हैं तो इस बीमारी को साइनस कहते हैं। इस बीमारी में नाक की हड्डी बढ़ जाती है या फिर टेढ़ी हो जाती है।

कितने प्रकार के होते हैं साइनस |types of sinus

एक्यूट साइनस (acute sinus)

एक्यूट साइनस बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है जिसमें सांस की नली के ऊपरी हिस्से में इंफेक्शन हो जाता है। इसमें नाम में सूजन आ जाती है।

सब एक्यूट साइनस (sub acute sinus)

सब एक्यूट साइनस होने पर 4 से 8 हफ्ते तक मस्तिष्क के साइनस झिल्ली में सूजन और जलन रहता है।

क्रोनिक साइनस (chronic sinus)

अगर इलाज नहीं कराया गया तो क्रोनिक साइनस काफी लंबे समय तक रह सकता है। इसमें जलन और सूजन रहता है। इसमें नाक में दर्द रहता है और नाक के रास्ते को साफ करने की आवश्यकता होती है। सालों तक यह समस्या बनी रही तो अस्थमा होने का खतरा बढ़ जाता है।

रिकरंट साइनस (recurrent sinus)

एलर्जी से संबंधित कोई बीमारी है या फिर दमा-अस्थमा है तो फिर ये समस्या होने की संभावना अधिक होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj