सिक्स पैक एब्स (Six Pack Abs) बनाने का ख्वाब हर वो लड़का या लड़की देखती है जो जिम जाती है। वैसे ऐसा हमेशा ही हो ये जरूरी नहीं है। ऐसे भी लोग हैं जो सिर्फ तंदरुस्त रहने के लिए जिम जाते हैं। वहीं कुछ लोग सिर्फ योग (Yoga) के माध्यम से ही खुद को फिट करने का प्रयास करते हैं।
आप प्रक्रिया चाहे कोई भी इस्तेमाल करें, इस बात में दोराय नहीं है कि आपका मकसद फिट रहना होता है। सिक्स पैक एब्स को आज कल एक आकर्षक बॉडी का प्रारूप माना जाता है। ऐसा नहीं है कि इसके बिना शरीर अच्छा नहीं लगता लेकिन कुछ लोगों को ये बात सच नहीं लगती है और वो बॉडी और एब्स बनाने में ही मेहनत करते हैं।
इस बात को ध्यान रखें कि अगर आप चाहें तो बिना डंबल उठाए भी आप सिक्स पैक एब्स पा सकते हैं। आपको ना तो चेस्ट की एक्सरसाइज करनी होगी और ना ही बेंच प्रेस। एक ही आसान से तरीके से आप सिक्स पैक एब्स भी पा लेंगे और सेहत को भी ठीक कर लेंगे। आइए आपको उस नायाब तरीके के बारे में बताते हैं।
जानिए सिक्स पैक एब्स बनाने का आसान तरीका: Jaaniye Six Pack Abs Banane Ka Aasaan Tarika
क्या है वो आसान सा तरीका?
अर्ध हलासन
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा, योग का एक आसन अर्ध हलासन (Ardha Halasana) आपके शरीर में सिक्स पैक एब्स बनाने में आपकी मदद करेगा। अर्ध हलासन को अंग्रेजी में हाफ प्लाऊ पोज (Half Plough Pose) भी कहते हैं। इस आसन को लगातार करते रहने से आप अपनी सेहत और शरीर दोनों को सुधार लेंगे।
कितने दिन करना होगा अर्ध हलासन?
इस आसन को आप आजीवन कर सकते हैं क्योंकि सिक्स पैक एब्स अगर आपके बुढ़ापे तक बनी रहें तो उससे बेहतर कुछ नहीं है। वैसे ऐसा कहा जाता है कि अगर आप एक हजार बार अर्ध हलासन करेंगे तो आपको अपने आप ही उसका प्रभाव दिखने लगेगा। वैसे तो इसका प्रभाव पहले दिन ही महसूस होने लग जाता है लेकिन आप इसको लगातार करके इसका प्रभाव बेहतर कर सकते हैं। इस आसन को दस हजार बार कर लेने पर आपको एक अलग ही प्रकार की अनुभूति होगी।
क्या एक ही दिन में करने हैं एक हजार अर्ध हलासन?
अगर आपके मन में भी ये सवाल आया है तो आपको बताते चलें कि ऐसा नहीं है। आप आराम से इन्हें कर सकते हैं। अगर आपने कभी भी एक्सरसाइज नहीं की है तो आपको मात्र दस अर्ध हलासन में ही पेट में दर्द महसूस होगा। वहीं अगर आप चाहें तो दिन में सौ अर्ध हलासन कर सकते हैं।
अर्ध हलासन से पहले क्या सावधानियाँ बरती जानी चाहिए?
जी हाँ, इससे पहले काफी सावधानियाँ बरती जानी चाहिए। यदि आपका मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स चल रहे हैं या आप गर्भवती हैं तो इस आसन को ना करें। यदि आपको पैरों से जुड़ी किसी बड़ी सर्जरी से हाल में ही निजात मिली है तो इसे ना करें। वहीं इसे भरे पेट पर ना करें। आप इसे खाली पेट, या फिर खाना खाने के तीन से चार घंटे के बाद कर सकते हैं। आप सुबह सात बजे, फिर दोपहर में बारह बजे, शाम को चार बजे और रात को आठ बजे कर सकते हैं। ये समय मात्र औपचारिक हैं और आप अपनी पसंद का कोई भी समय चुन सकते हैं। इसे एक उदहारण से समझने का प्रयास करते हैं।
मान लीजिए कि आप सौ अर्ध हलासन करना चाहते हैं लेकिन आपके पास उतना समय नहीं है कि आप इसको एक बार में कर सकें तो आप इन सौ अर्ध हलासन को अपनी सुविधा अनुसार बाँट सकते हैं। आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि आपका पेट भरा हुआ ना हो। आप तीस बार इस आसन को सुबह, तीस बार दोपहर और चालीस बार रात में कर सकते हैं ताकि आपके सौ अर्ध हलासन भी हो जाएं और आपको कोई परेशानी भी ना हो।
कैसे करें अर्ध हलासन?
- सबसे पहले तो अपनी पीठ के बल योग मैट या फिर अपने बिस्तर पर लेट जाएं।
- आपके पंजे एड़ी से दूर जा रहे हों, और हाथ दोनों किनारों पर होने चाहिए।
- अब इन हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें। इस दौरान हथेली जमीन या बिस्तर की चादर की तरफ होनी चाहिए।
- इसके बाद अपने पैरों को उठाने का प्रयास करें जहाँ आपका कमर के ऊपर का हिस्सा जमीन पर ही रहेगा।
- पैरों को जमीन या बिस्तर से नब्बे डिग्री के कोण पर होना चाहिए और इसके बाद आप इन्हें जमीन पर ले आएं।
- इस प्रक्रिया को लगातार करें और ना तो हाथों को उनकी जगह से हटाएँ और ना ही कमर से ऊपर के हिस्से को जमीन से उठाएं।
- नाक से सांस लें और जब कठिनाई लगे तो और मेहनत करें क्योंकि अच्छे शरीर के लिए आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर जाना होगा।
- अगर आपको बीच में दिक्कत लगे तो रुक जाएं लेकिन कोशिश करें कि ऐसा ना हो। अगर कभी पैर दर्द करने लगें तो साइकिल चलने वाला योगासन करने लगें।
अर्ध हलासन से होने वाले फायदे
- आपके पैरों को मजबूती मिलती है
- पेट की नसों और मोटापे पर प्रभाव पड़ता है
- दिमाग तक खून का प्रवाह बढ़ता है
- डिप्रेशन या मानसिक रोगों से लड़ने में मदद करता है
- शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है
- जाँघों और पिंडलियों में मौजूद अधिक फैट और मोटापा खत्म होता है
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।