पित्त की थैली यानी गॉल ब्लैडर शरीर का एक छोटा सा अंग है जो लीवर के ठीक पीछे होता है। कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से ही बनती हैं। धीरे-धीरे वे कठोर हो जाती हैं और पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं। इसका भी इलाज घरेलू उपचार संभव है।
पित्त की पथरी बहुत दर्दनाक हो सकता है यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो इसे निकालने के लिए एक ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में रोगी को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है और साथ ही खाना पचने में भी दिक्कत आने लगती है। आइए जानते हैं इसके घरेलू उपचार क्या क्या हैं।
विटामिन सी
विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्रॉल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़कर बाहर निकालता है। ऐसे में ऐसे फलों का जूस पीना चाहिए जिसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में जैसे संतरा, टमाटर आदि का रस पीने से काफी लाभ मिलता है।
गाजर-ककड़ी का रस
गाजर और ककड़ी का रस पित्त की पथरी की समस्या से निजात दिलाने में काफी मदद करता है। दोनों का रस प्रत्येक 100 मिलीलीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पिएं। इसे अत्यधिक लाभकारी घरेलू नुस्खा माना जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है।
हल्दी
हल्टी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री होती है, इसे पथरी के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार के रूप में माना जाता है। हल्दी पित्त, पित्त यौगिकों और पथरी को आसानी से विघटित कर देती है। कई शोधों में ये पाया गया है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है।
एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर की अम्लीय प्रकृति लीवर को कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने से रोकती है जो अधिकांश पथरियों का कारण होता है। यह पथरी को विघटित करने तथा दर्द को समाप्त करने में सहायक होता है।
चुकंदर, खीरा और गाजर का रस
चुकंदर, खीरा और गाजर का रस ऐसे तो सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है लेकिन पित्त की पथरी के लिए ये रामबाण हैं। पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर का रस, ककड़ी का रस और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाये। यह संयोजन आपको पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है। खीरे में मौजूद उच्च पानी सामग्री और गाजर में विटामिन सी की उच्च मात्रा मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है।
सिंहपर्णी
सिंहपर्णी एक औषधि पौधा है और इसे आयुर्वेद में कई दवाओं को बनाने में प्रयोग किया जाता है। पुराने समय से ही इस पौधे का इस्तेमाल किडनी की समस्या, पेट की समस्या डायबिटीज की समस्या और लीवर की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके पत्ते शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच सिंहपर्णी के पत्तों को मिलाए। फिर इसे अवशोषित करने के लिए पांच मिनट के लिए रख दें, अब इसमें एक चम्मच शहद मिला लें और इसका सेवन करें।