खाने के बिना हमारा जीवन अधुरा है। खाना हमारी जरूरत है। लेकिन ये जरूरत कब लत में बदल जाए इसका पता नहीं पड़ता। खाने को सही तरीके से खाना हमें हेल्दी रखता है। लेकिन अगर हम खाने को गलत तरीके से खाएं, तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अक्सर लोग तनाव और स्ट्रेस में ज्यादा खाने लग जाते हैं। जैसे -जैसे तनाव (Stress) बढ़ता है उनकी क्रेविंग (Craving) भी बढ़ने लग जाती है। और इस क्रेविंग को शांत करने लोग कुछ भी खाने लग जाते हैं। इसी को कहते हैं इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating)। जो हमें एहसास भी नहीं होने देता की हमने खाना खा लिया है। इस दौरान लोग अक्सर मीठा ही खाना पसंद करते हैं या बेक्री वाली चीजें, जो शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम करती है।
इमोशनल ईटिंग से होने वाले नुकसान
अक्सर देखा गया है कि लोग स्ट्रेस में आकर ज्यादा ही खाने लग जाते हैं। इस दौरान वे ये भी नहीं देखते हैं कि वो खा क्या रहे हैं। जब व्यक्ति उदास होता, स्ट्रेस में होता है, तो उनके मीठा खाने की क्रेविंग अपने आप बढ़ जाती है। जैसे कि आइसक्रीम, चॉकलेट और भी बहुत कुछ। इसके चलते ये सब खाने से शरीर को कई बीमारियों से घिरने का खतरा बना रहता है। इमोशनल ईटिंग के दौरान व्यक्ति को इस बात का अंदाजा नहीं होता है कि उसने कितना खा लिया है।
इमोशनल ईटिंग से हो सकते हैं ये नुकसान
वजन बढ़ता है (Weight Gain) - आजकल लोग वजन बढ़ने की समस्या से वैसे भी बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे हैं । इसी बीच अगर उन्हें कोई स्ट्रेस होने लगे, तो ज्यादा खाने के कारण वजन और बढ़ जाता है। इस दौरान लोग ऐसी चीजें खाना पसंद करते हैं, जो उन्हें जल्दी से उपलब्ध हो। जैसे कि फास्ट फूड, आइसक्रीम, चॉकलेट और भी बहुत कुछ ।
डायबिटीज (Diabetes) - इमोशनल ईटिंग करने से डायबिटीज का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि, व्यक्ति तनाव को कम करने के लिए चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी चीजों का सहारा लेते हैं। जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
बीपी की परेशानी (Problem of Blood Pressure) - इमोशनल ईटिंग करने से बीपी का खतरा बढ़ता है। क्योंकि लोगों को ऐसा लगता है कि खाने से तनाव कम हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। खाने से कभी भी तनाव कम नहीं होता। इस बात का भी ध्यान रखें, बढ़ते तनाव की वजह से लोग बीपी की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं।
इमोशनल ईटिंग करना करें बंद -
यदि आप तनाव से ग्रसित है, तो खाने की जगह खुद को किसी और चीज में व्यस्त कर लें। अपने दोस्तों से बात करें, बाहर वॉक करने निकल जाएं, अपने पसंद का काम करें, कुछ पेंटिंग करें। इससे आपको तनाव कम करने में मदद मिलेगी और इमोशनल ईटिंग नहीं करने से आप सेहतमंद भी रहेंगे।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।