सर्दियों में लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं, जिसके कारण उन्हें ज्यादा मात्रा में दवाइयों का सेवन करना पड़ता है और जल्दी ठीक होने के लिए लोग एलोपैथिक दवाइयों (allopathic medicine) का सहारा लेते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक दवाई का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं? ज्यादा एंटीबायोटिक दवाई के सेवन से सेहत कितनी बुरी तरह प्रभावित होती है। दरअसल एंटीबायोटिक दवाइयां इतनी ज्यादा स्ट्रांग होती हैं कि ये सीधे लिवर और किडनी पर असर करती हैं। जिससे इसके ज्यादा सेवन से लिवर और किडनी संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए आज हम इस लेख में आपको इसी बात की जानकारी देने वाले हैं कि किस तरह एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन है हमारे लिए घातक होता है।
Antibiotic दवाओं का ज्यादा सेवन है घातक, जानिये नुकसान Excessive consumption of antibiotics is fatal, know the disadvantages in hindi
किडनी पर पड़ता है बुरा असर (Bad effect on kidney) - एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन से किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसके सेवन से किडनी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं जिन लोगों की पहले से ही किडनी खराब होती है उन्हें एंटीबायोटिक का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। या फिर उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
इम्यून सिस्टम होता है कमजोर (Immune system becomes weak) - एंटीबायोटिक के ज्यादा सेवन से धीरे धीर रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है। जिससे आप ज्यादा जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। इतना ही नहीं कुछ समय बाद एंटीबायोटिक दवाएं भी अपना असर करना कम कर देती हैं।
लिवर होता है कमजोर (Liver get weak) - एंटीबायोटिक के ज्यादा सेवन से लिवर धीरे धीरे कमजोर होने लगता है। जिससे पाचन क्रिया बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित होती है। दरअसल इसके कारण कुछ भी सही तरीके से पचा पाने में परेशानी होने लगती है। कई बार लिवर पूरी तरह खराब भी हो सकता है।
एलर्जी समस्या हो सकती है (Allergy Problem) - एंटीबायोटिक का ज्यादा सेवन एलर्जी की समस्या को भी न्योता दे सकता है। कई बार कुछ लोगों में इसके ज्यादा सेवन से शरीर पर लाल चकत्ते और दाने की समस्या को देखा गया है। इतना ही नहीं इन दानों में बहुत ज्यादा खुजली भी होती है।
ब्लड रिएक्शन (Blood reaction) - कई बार कुछ लोगों में ब्लड रिएक्शन होने की संभावना भी बनी रहती है। जैसे, ल्यूकोपेनिया श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी होना। जिससे संक्रमण बढ़ सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।