आजकल बच्चे खुद के मनोरंजन के लिए बाहर जाकर खेलने की जगह घर पर ही बैठकर गेम खेलना पसंद करते हैं। जिसके कारण बच्चों में गेम खेलने की लत बढ़ती जा रही है। कुछ आंकड़े ये भी बताते हैं कि बहुत से देशों की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या गेम खेल रही है। जिसमें से ज्यादातर गेमर्स टीनेजर हैं। इसमें से 20 प्रतिशत 18 से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं। बच्चे भले ही इसे टाइमपास के लिए खेलना शुरू करते हैं, लेकिन धीरे धीरे इसकी उन्हें लत लग जाती है। जो कि उनको मानसिक और शारीरिक (Mental and physical) दोनों रूप से कमजोर करने लगती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएँगे कि बच्चों को किस तरह से गेम खेलने से नुकसान हो रहा है।
अधिक देर तक गेमिंग की लत है घातक, हो सकते हैं ये नुकसान Gaming addiction is fatal for a long time, it can be harmful in hindi
नींद न आना (Insomnia) - जिन लोगों को बहुत ज्यादा गेम खेलने की लत लगी हुई है, उनमें नींद न आने की परेशानी को भी देखा जा रहा है। लोग थोड़ी देर के चलते लंबे समय तक गेम खेलने लगते हैं, जिसके कारण उनकी नींद पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
मोटापा (Obesity) - आजकल लोग ज्यादातर समय गेम खेलने में बिता देते हैं। जिसके कारण बाहर जाकर घूमना या फिर एक्सरसाइज करना नामुमकिन हो जाता है। ऐसे में धीरे धीरे मोटापा बढ़ने लगता है। जो कि बहुत तरह से उनके लिए हानिकारक साबित होता है।
चिड़चिड़ा होना (To be irritable) - बहुत ज्यादा समय तक गेम खेलना बच्चों में चिड़चिड़ापन भी लाता है। क्योंकि आजकल कई तरह के गेम आ रहें हैं जिसमें से कुछ आपके अंदर धीरे धीरे गुस्सा बढ़ाने का काम भी करते हैं। ऐसे में बच्चों चिड़चिड़े होने लगता हैं। इतना ही नहीं लगातार गेम खेलते हुए यदि आप बच्चों को बीच में रोकेंगे, तो भी वे गुस्सा होने लगते हैं।
डिप्रेशन का शिकार (Depression) - रिसर्च में यह बात सामने आई कि बच्चों की मेंटल हेल्थ से डिजिटल स्क्रीन के इस्तेमाल का सीधा कनेक्शन है। जो बच्चे बहुत ज्यादा गेम में इन्वॉल्व रहते हैं उनमें डिप्रेशन और चिंता का खतरा बढ़ा है। साथ ही, इनमें ज्यादा टीवी देखने, इंटरनेट पर गेम्स खेलने और वीडियो चैट करने से भी मानसिक बीमारियों का स्तर बढ़ गया है। देर तक ध्यान न लगा पाना भी बच्चों में एक बढ़ती मुसीबत है।
कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel syndrome) -यह एक शारीरिक समस्या है जो बहुत सारे गेमर्स में देखने को मिल रही है। इसके अलावा यह सिंड्रोम ऑफिस में काम करने वाले लोगों में भी देखने को मिलता है। दरअसल गेमिंग हो या कोई सा भी कंप्यूटर वर्क जिसके दौरान आपके अंगूठे का बहुत ज्यादा प्रयोग होता है। अंगूठे के ज्यादा प्रयोग के कारण ही कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या घर करने लगती है। इस कारण आपके अंगूठे में भी सूजन (inflammation) आ सकती है। इस कारण अंगूठे की गतिविधि काफी कम होने लगती है।
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