अल्जाइमर से पाएं निजात और अपनाएं ये घरेलू उपचार!

Get rid of Alzheimer
अल्जाइमर से पाएं निजात और अपनाएं ये घरेलू उपचार!

अल्जाइमर क्या है और ये किस उम्र को प्रभावित करता है?

अल्जाइमर (Alzheimer) रोग डिमेंशिया का एक प्रकार है जो व्यक्ति के मस्तिष्क को कमजोर बना देती है। यह रोग अक्सर बूढ़े लोगों में देखा जाता है इसमें व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है। शरीर कमजोर होने पर दिमाग भी कमजोर होने लगता है। क्योंकि, दिमाग की कोशिकाएं और मस्तिष्क का ठीक से संपर्क नहीं हो पाता है। अल्जाइमर के रोग से पीड़ित व्यक्ति को वस्तु और चेहरों को पहचानने में बहुत कठिनाई होती है। हालांकि, कई घरेलू नुस्खे की मदद से इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

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अल्जाइमर के क्या लक्षण होते है?

कहा जाता है कि किसी को भी ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और अल्जाइमर भी उन्हीं में से एक है। तनाव ज्यादा लेने से धीरे-धीरे ये अवसाद का रूप ले लेती है। इसके प्रमुख लक्षण के बारे में बात करें तो, उदासीनता महसूस होना,अकेलेपन का अहसास या समाज से दूरी बना लेना, रोजमर्रा के बर्ताव में बदलाव, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना या शक की भावना का बढ़ना है। इसके साथ ही बढ़ती उम्र भी कारण है।

1. तिल का तेल इस बीमारी में बड़े काम का

तिल के तेल का प्रयोग याददाश्त बढ़ाने में लाभदायक है। तिल के तेल को गुनगुना गर्म कर उसकी 3-3 बूंदें अपने नाक के दोनों नथुनों में डालें। सिर व पैरों के तलवों की मालिश के अलावा तेल को भोजन में भी प्रयोग कर सकते हैं। ये आपको रहत दे सकता है.

2. अश्वगंधा इस बीमारी में अमृत सामान

अगर किसी को अल्जाइमर की समस्या है तो उसे अश्वगंधा का सेवन शुरू कर देना चाहिए क्योंकि, ये एक ऐसी जड़ी बूटी है जो इस रोग को बढ़ने से रोकती है। इसका काम दिमाग को मजबूत करना है। कई शोधों में यह पाया गया है कि इससे शरीर में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स बनते हैं जो दिमागी नसों को एक्टिव रखते हुए मानसिक कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।

3. हल्दी व बादाम का दूध

अल्जाइमर के रोगी
अल्जाइमर के रोगी

अल्जाइमर के रोगियों के लिए हल्दी और बादाम रामबाण साबित हो सकते हैं। दरअसल, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व अच्छे एंटीऑक्सीडेंट्स हैं। रोजाना भोजन में इसके प्रयोग या फिर दूध में चुटकी भर मिलाकर पीने से दिमाग को ताकत मिलती है। यह दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करती है। वहीं, बादाम ब्रेन के लिए एक हेल्दी फूड है, इसमें मौजूद विटामिन-ई याददाश्त बढ़ाने में सहायक है।

4. गाजर का सेवन

गाजर में विटामिन-ए होता है जो याददाश्त पर हुए नकारात्मक प्रभाव को कम करता है। इसे सब्जी के रूप में, जूस या हलवे के रूप में खा सकते हैं। बुजुर्गों के लिए इसका सूप काफी फायदेमंद होता है।

5. शंखपुष्पी का सेवन

शंखपुष्पी एक आयुर्वेदिक दवा है। इसके खास तत्व दिमागी कोशिकाओं को सक्रिय कर भूलने की समस्या को दूर करते हैं। 3-6 ग्रा. चूर्ण रोज दूध के साथ पिएं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by वैशाली शर्मा
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