शरीर में हमें कहीं भी दर्द महसूस होता है, तो तुरंत हम सिकाई करने लगते हैं। इसके लिए हम हीट या कोल्ड किसी भी तरह की थेरेपी करते हैं और ये दोनों ही थेरेपी दर्द से आराम दिलाने का काम करती हैं। बस इसके लिए हमें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किस दौरान किस तरह की थेरेपी हमारे लिए जरूरी होती है। आज हम इस लेख में यह जानने वाले हैं कि हीट थेरेपी और कोल्ड थेरेपी में से कौन सी ज्यादा फायदेमंद होती है।
हीट थेरेपी ज्यादा फायदेमंद है या कोल्ड थेरेपी, जानिये दोनों में क्या बेहतर Heat therapy is more beneficial or cold therapy, know which is better in hindi
हीट थेरेपी
हीट थेरेपी को कई तरह से किया जा सकता है जैसे- गर्म कपड़े को करके, हीटिंग मशीन के द्वारा, गर्म पानी के द्वारा, हीटिंग पैड (heating pad), हाइड्रोकॉलेटर पैक व व्हर्लपूल बाथ जैसे हीट प्रदान करने वाले उपकरणों का उपयोग भी किया जाता है। इन सभी को शरीर के किसी भी जगह होने वाले दर्द को कम करने के उपयोग में किया जाता है। हीट थेरेपी करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। वहीं सूजन (swelling) को कम करने के लिए भी ये बहुत ही सहायक होती है। हीट थेरेपी के द्वारा रक्त का प्रवाह अच्छे से होने लगता है। जिससे दर्द में राहत भी मिलती है।
हीट थेरेपी (heat therapy) भी दो प्रकार की होती है
जिसमें से एक मॉइस्ट हीट (moist heat), जिसे कन्वेक्शन हीट भी कहा जाता है। इसको करने के लिए गर्म पानी (hot water) और स्टीम (steam) का उपयोग किया जाता है। आपने सुना होगा कि लोग सॉना बाथ, स्टीम्ड टॉवल, हॉट बाथ, हॉट टब और हॉट शॉवर लेते हैं जिसे हम मॉइस्ट हीट के नाम से जानते हैं।
अब हम बात करेंगे ड्राई हीट (dry heat) के बारे में, जिसे कंडक्टेड हीट थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कुछ उपकरणों के जरिए शरीर में किसी विशेष जगह पर होने वाले दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए हम हॉट पैक, हॉट जैल, रैप्स, हीटिंग पैड, इंफ्रारेड सॉना और मसाज चेयर शामिल हैं। इन सभी की मदद से दर्द को कम करने की कोशिश की जाती है।
कोल्ड थेरेपी
इस थेरेपी में शरीर के प्रभावित हिस्से को अधिक ठंडे तापमान के संपर्क में रखा जाता है। उपचार के लिए कई तरह के उपायों को अपना जाता है। जैसे कि आइस पैक, आइस मसाज, कूलेंट स्प्रे और आइस बाथ शामिल हैं। इन सभी के द्वारा दर्द को कम करने की कोशिश की जाती है।
कोल्ड थेरेपी से मिलते हैं ये फायदे-
माइग्रेन (migraine) में ये थेरेपी बेहद ही फायदेमंद होती है।
चोट लगने पर भी कोल्ड थेरेपी बेहद असरकारक होती है। क्योंकि इसको करने से खून का बहना रुक जाता है।
अल्जाइमर (Alzheimer's) के लिए भी कोल्ड थेरेपी लाभदायक होती है। क्योंकि कोल्ड थेरेपी के एंटी-ऑक्सीडेटिव और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव अल्जाइमर में होने वाली सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं।
कई बार कुछ जोड़ो के दर्द भी इस तरह होते हैं कि उनमें हीट थेरेपी की जगह कोल्ड थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे मरीज को आराम मिलता है।
कौन सी थेरेपी होती है ज्यादा फायदेमंद
अब बात की जाए इन दोनों थेरेपी, यानी हीट थेरेपी और कोल्ड थेरेपी में से कौन सी ज्यादा बेहतर होती है, तो आपको बता दें कि अपनी अपनी जगह दोनों ही थेरीपी बेहद लाभकारी होती हैं। बस सही जगह और सही समय पर, सही थेरेपी लेने की जरूरत होती है। क्योंकि यदि आपने गलत थेरेपी ली, तो इसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि थेरेपी लेने के पहले किसी जानकार व्यक्ति से सलाह जरूर लें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।