घबराहट होना, सांस लेने में कष्ट होना, हृदय का अनियमित धड़कना, हृदय में तेज पीड़ायुक्त झटके अनुभव होना, पसीना छूटना, चक्कर आना, जी मचलाना, तीव्र कमजोरी का अनुभव होना अथवा बेहोश हो जाना आदि अगर आप महसूस करते हैं तो आपको हृदय संबंधी रोग हो सकता हैं। हृदय रोगी, हाई ब्लड प्रेशर,मोटापे और बढ़े कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे लोगो के खानपान में ये चीजे बिलकुल शामिल नहीं होनी चाहिए - चीनी, आइस क्रीम, डीप फ्राई लिया हुआ खाना, ज्यादा नमक, चिप्स, घी तेल वाले स्नैक्स, पेस्ट्री, बेकिंग उत्पाद, सॉस, पनीर, मीट, हॉट डॉग्स, हैम्बर्गर, फैट और शुगर से बने कुकीज, सिगरेट, शराब, कोल्ड ड्रिक, चाय, कॉफी आदि। आइये जाने उन परहेजों के बारे में जो हर हृदय रोगी को स्ट्रोक जैसे खतरे का बचाव करने में मदद करेंगे।
हृदय रोग में किए जाने वाले परहेज, जो हार्ट स्ट्रोक, ब्लॉक आर्टरीज से करेंगे बचाव : Heart Health Tips In Hindi
- हृदय रोग होने सबसे बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) होता हैं | कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले वसायुक्त चर्बी वाले खाद्य पदार्थ जैसे- मक्खन, घी, मीट,अंडे की जर्दी , नारियल तेल, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आदि फूड प्रीजवेंटिव, दूध से बने पदार्थ जैसे खोया या मावा की मिठाइयां, रबड़ी, मलाई, श्रीखंड आदि नहीं लेने चाहिए। इनके सेवन से बचना चाहिए।
- कोलेस्ट्रॉल को लिवर इसलिए पैदा करता है, ताकि कोशिकाओं की दीवारों, हार्मोन और नर्वस सिस्टम के सुरक्षा घेरे का निर्माण हो सके। कोलेस्ट्रॉल खुद फैट से बना होता है और प्रोटीन से मेल करके लिपोप्रोटीन बनाता है। प्रोटीन से दोस्ती के बाद ही यह अच्छा और बुरा बन जाता है। अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) हल्का होता है और खून से मिलने वाली चर्बी को अपने साथ बहा ले जाता है। बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL) चिपचिपा और गाढ़ा होता है और रक्त वाहिनियों और धमनियों में चिपककर बैठ जाता है। इससे खून के बहने में बाधा आती है और हमारे दिल को वाहिनियों में खून पहुंचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। नतीजा हाई ब्लड प्रेशर, ब्लोकेज और हार्ट अटेक के रूप में सामने आता है | इसलिए हृदय रोग को रोकने के लिए कोलेस्ट्रॉल से बचना बहुत जरुरी हैं |
- हृदय रोग से बचने के लिए मांसाहार, मदिरापान, धूम्रपान, तम्बाकू, कॉफी, नशीले पदार्थी का सेवन, अधिक नमक, घी, तेल , तेज मसालेदार चटपटे तले-भुने गरिष्ठ भोज्य पदार्थ, आधुनिक फास्टफूड (नूडल्स ,पिज़्ज़ा , बर्गर आदि) तथा जंक फूड-चाकलेट, केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम आदि का सेवन ना करें या कम से कम करें |
- किसी भी रूटीन को फॉलो करने से पहले सबसे पहले तो हमारा ये जाना जरुरी है की हमारा शरीर कैसा है। अच्छे स्वस्थ के लिए सबसे पहले तो रेगुलर चेकअप बहुत ही निर्देशक है। इस भगदोड़ भारी जीवन शैली मैं हम बहुत ही अस्वस्थ जिंदगी जीते हैं। हमारी इस निष्क्रिया जीवन शैली के कारण पुरुषो में 45 वर्ष की उम्र के बाद और महिलाओं में 55 उमर की वर्ष की उम्र के बाद दिल का दौरा पढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
- पोष्टिक तत्व से भरपुर आहार लेने से हमारा शरीर तो बेहतर रहता ही है। साथ ही तनव भी कम होता है। इसी हमारा दिल सेहतमंद भी रहता है। हृदय रोगी के लिए गुस्सा जान लेवा भी हो सकता है। तनव दूर करने का हर संभव प्रयास करे। आप ध्यान और योग का सहारा भी ले सकते हैं।
हृदय रोगी को यह भी ध्यान रखना चाहिए –
- दिल के रोगी को सीढ़ी या जीने पर एकदम से न चढ़ें।
- आठ घंटे की नींद लें।
- हाथ-पैरों में सरसों के तेल की मालिश से अच्छी नींद आती है।
- और कम नमक लें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।