मिट्टी के बरतनों का उपयोग एक बार फिर चलन में आ गया है। जहां पहले के समय में सिर्फ मिट्टी से बने बर्तनों में ही खाना बनाया जाता था। वहीं अब इसकी जगह दूसरे बर्तन ने ले ली है। लेकिन अब फिर एक बार बाजार में मिट्टी से बने बर्तन दिखाई देने लगे हैं। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से खाने के पोषक तत्व उसी में रहते हैं। साथ ही इससे खाने का स्वाद भी दोगुना हो जाता है। लेकिन चिंता का विषय अब ये है कि आजकल बाजार में मिट्टी के बर्तन आ रहे हैं, वो असली मिट्टी के है या नहीं इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि आजकल हर कोई मिट्टी के बर्तन बेच रहा है। लेकिन कई बार मिट्टी की जगह ये बर्तन, टेराकोटा से बने होते हैं, जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते हैं। यही नहीं कुछ लोग तो इसमें मिट्टी का रंग करके भी बेचने लगे हैं, जो खाना बनाने के दौरान निकलने लगता है। जिससे फायदे की जगह सेहत को नुकसान झेलने पड़ते हैं। इसलिए आज हम आपको इस लेख में बताएंगे। आप किस तरह से मिट्टी के बर्तनों की पहचान कर सकते हैं।
मिट्टी के बर्तनों की करें इस तरह से पहचान Identify pottery in this way in hindi
मिट्टी के बर्तन कभी भी शाइन नहीं करते हैं। लेकिन केमिकल वाले बर्तन चमकदार और सुंदर दिखते हैं।
डाई मोल्ड से बने बर्तनों में फिनिशिंग बहुत अच्छे से होती है। क्योंकि इन्हें मोल्ड से तैयार किया जाता है। इसलिए ये सभी बर्तन एक ही तरह के लगते हैं। वहीं अगर बात की जाए मिट्टी से बने बर्तन की तो, हाथों से बने बर्तन कभी भी एक तरह के नहीं होंगे। यानी इनमें समानता नहीं होगी।
मिट्टी से बने बर्तनों में कभी भी आपको फिनिशिंग देखने को नहीं मिलेगी। इसमें कुछ न कुछ पतला मोटा या अलग आकार मिल सकता है।
बाजार में आजकल मोल्ड से बनाई गई बोट्ल भी आने लगी है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक होती है। क्योंकि इसमें बहुत से केमिकल का उपयोग किया जाता है। वहीं अगर बात की जाए मिट्टी की बोतलों की, तो इन बोतल के ढक्कन कभी भी बंद नहीं होते क्योंकि इनको इस तरह से बनाया जाता है।
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