प्रेगनेंसी आपके अन्दर तरह-तरह के बदलाव लाती है, ये सिर्फ जिन्दगी में होने वाला सबसे बड़ा बदलाव नहीै होता माता-पिता के लिए. बल्कि इसमें माता और पिता दोनों ही मानसिक समस्याओं से झुझते हैं. जिसमे सबसे बड़ी समस्या होती है, दोनों का ही चिंता करना. अगर महिलाओं की बात करूँ तो वो सबसे ज़्यादा संघर्ष करती हैं. पर यदि चिंता आपके कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर रही है, या आपका मूड लगातार लगभग २ सप्ताह से ठीक नही रहता तो सलाह और सहायता के लिए अपने डॉक्टर से आप कंसल्ट कर सकते हैं।
गर्भावस्था में माँ करतीं हैं मानसिक रूप से संघर्ष:
गर्भवती होने पर तनाव, गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में बदलाव और रोज़मर्रा की चिंताएं भारी पड़ सकती हैं। कुछ गर्भवती महिलाओं को अवसाद या चिंता हो सकती है: अवसाद एक समय में हफ्तों या महीनों के लिए उदासी या चिड़चिड़ापन महसूस करना है। कुछ महिलाओं को गर्भवती होने से पहले अवसाद हो सकता है। ये आम है, लेकिन ये भी निर्भर करता है की आप इससे कैसे जूझ रहीं हैं.
इस तरह रहें गर्भावस्था के दौरान मानसिक रूप से बेहतर:
प्रेगनेंसी में महिलाएं कई तरह से खुद को व्यवस्तित करने की कोशिश करतीं हैं. पर आप आराम करने और पर्याप्त नींद लेने को अपनी दिनचर्या में प्राथमिकता दें. अपने विचारों और भावनाओं के बारे में किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं, जैसे की आपका पार्टनर ,परिवार का को सदस्य, मित्र या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता। स्वस्थ भोजन करें और नियमित समय पर खाएं। खुश रहने की कोशिश करें. ग्रंथों का पाठ आपको शांति देगा और आपके अंदर पल रही नन्ही सी जान को धर्मिक शक्ति प्रदान करेगा.
ऐसा माना जाता है की पेट में पल रहे बच्चे अपनी जननी के हाव-भाव और उसके सेंसेस को मॉनिटर करते हैं. वो हर तरह की हरकतों को महसूस कर सकते हैं. अर्थात अगर हम इस समय खुद को परमात्मा की भक्ति में लगायेंगे तो न ही सिर्फ ये बच्चे के मानस को शांत और शुद्ध बनाएगा बल्कि ये आपको भी भीतर से प्रसन्न रखेगा.
गर्भावस्था के दौरान भावात्मक हो जातीं हैं महिलाएं:
महिलायों के अंदर बनते बिगड़ते हारमोंस ही हैं इसकी बुनियादी वजह मगर आप इस स्तिथि में अपने पार्टनर का सहारा ले सकतें हैं. अगर आपके पार्टनर आपको अच्छी तरह समझते हैं तो आपकी भावनाओ पर आप काम कर सकतीं है. ये आपके हाथ में हैं दोनों मिलकर काम करंगे तो इस परेशानी में आप लचीलापन ला सकतीं हैं. आपके हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है क्योंकि आपका शरीर पहली तिमाही में प्रवेश करता है और आपके अंदर बढ़ते जीवन का समर्थन करने के लिए परिवर्तन करता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।