आज के समय आयुर्वेदिक दवा को बहुत चलन है। इससे कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। वहीं अगर किसी की कफ की समस्या है तो इसके लिए भी आयुर्वेदिक औषधि आसानी से मिल जाती है। कफ कुठार रस कफ को दूर करने के लिए बहुत अच्छी औषधि है। बता दें कि कफ दोष में दुष्प्रभाव के कारण बलगम बनता है। जिसका कारण ठंड लगना, ठंडे या फिर बासी खाने का सेवन करना, श्वास रोग, एलर्जी एवं फेफड़ो में संक्रमण आदि कारणों से कफ या खांसी की समस्या हो जाती है। इसके साथ ही धुम्रपान भी बलगम बनने का एक बड़ा कारण है।
किसी भी व्यक्ति को जब सर्दी जुखाम होता है तो उसकी वजह से कफ छाती में संचित हो जाता है और फिर इससे खांसी की समस्या हो जाती है। वहीं अगर कफ़ छाती में जम जाता है तो इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है, खांसने पर दर्द होना, सिने में भारीपन महसूस होना आदि समस्याएं हो जाती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए कफ कुठार रस का सेवन करना चाहिए। इससे बलगम पिघलकर बाहर निकल जाता है और खांसी में भी आराम मिलता है।
कफ कुठार बनाने के लिए क्या-क्या होता है -
कफ कुठार रस को बनाने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि - लौह भस्म, शुद्ध पारा एवं गंधक, सोंठ, पीपल, काली मिर्च, ताम्र भस्म, कटेली के फलों का रस, कुटकी एवं धतूरे के फूलों का स्वरस।
कफ कुठार रस के फायदे -
कफ कुठार रस के सेवन से व्यक्ति का कफ आसानी से निकल जाता है। इसके सेवन से गले और छाती में जमा कफ पिघल कर निकल जाता है। इसके साथ ही इसके सेवन से श्वासनली भी साफ होती है। जिससे सांस लेने में होने वाली तकलीफ दूर होती है। अगर किसी को बहुत लंबे समय से कफ की समस्या हो रही है तो उसके लिए कफ कुठार बहुत लाभकारी है, क्योंकि यह पुराने से पुराना कफ निकालने के लिए उपयोग किया जाता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।