जानें ल्यूकोपेनिया के कारण और लक्षण - Jane Leukopenia ke karan aur lakshan

जानें ल्यूकोपेनिया के कारण और लक्षण
जानें ल्यूकोपेनिया के कारण और लक्षण

शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और जरूरी तत्वों को पहुंचाने के काम खून करता है। ब्लड अलग-अलग सेल्स से मिलकर बना होता है। इनमें से कुछ सेल्स हमारे शरीर में ऊर्जा को सभी अंगों तक पहुंचाती हैं और कुछ सेल्स तरह-तरह की बीमारियों और संक्रमण से हमारी रक्षा करते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स भी हमारे खून में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण सेल्स हैं। इन्हें ल्यूकोसाइट्स भी कहते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स हमारे शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाते हैं। ब्लड में इन्हीं व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी होने की स्थिति को ल्यूकोपीनिया (Leukopenia) कहते हैं। ये बेहद ही खतरनाक बीमारी होती है। ल्यूकेमिया से पीड़ित के शरीर में खून की कमी के चलते कई तरह की बीमारी हो जाती हैं।

ल्यूकोपेनिया के कारण | Causes of Leukopenia

ल्यूकोपीनिया के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक अस्वस्थ आहार है। शरीर में विटामिन बी-12, फॉलेट, कॉपर और जिंक जैसे तत्वों की कमी से ये बीमारी हो सकती है। इससे बचने के लिए हरी सब्जियां, फल, दूध, ड्राई फ्रूट्स और रेड मीट का सेवन करना फायदेमंद रहता है। शरीर में विटामिन बी-12 की कमी से कई और बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।

ल्यूकोपेनिया के लक्षण |Symptoms of Leukopenia

बहुत ही आम होते हैं ल्यूकोपेनिया के लक्षण (Symptoms of leukopenia are very common)

ल्यूकोपीनिया होने पर लक्षण बहुत सामान्य होते हैं इसलिए लक्षणों से इसका पता लगाना मुश्किल होता है। ज्यादातर इसका पता तभी चल पाता है जब पीड़ित व्यक्ति को कोई बीमारी घेर लेती है या वो खून की जांच करवाता है। आमतौर पर बुखार, पसीना आना और ठंड लगना ल्यूकोपीनिया के लक्षण होते हैं। इतने सामान्य लक्षणों को कोई भी नजरअंदाज कर देगा। ऐसे में इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए स्वस्थ आहार और सही लाइफस्टाइल जरूरी है। नीचे कुछ लक्षण बताए गए हैं जो ल्यूकोपीनिया को पहचानने में मदद करते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि यही लक्षण नजर आएं।

व्हाइट ब्लड सेल्स (white blood cells leukopenia)

व्हाइट ब्लड सेल्स का निर्माण बोन मैरो में होता है। ये इम्यून सिस्टम यानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी सेल्स होते हैं। इनकी कमी से शरीर के बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है और शरीर वायरस और बैक्टीरिया से अपनी रक्षा करने में कमजोर हो जाता है।

अधिक थकान (Leukopenia may cause more fatigue)

अधिक थकान भी ल्यूकोपीनिया के लक्षणों में से एक है। बिना मेहनत किए और काम किए भी थकान महसूस होती है। इसके साथ ही ल्यूकोपीनिया से पीड़ित व्यक्ति को हर वक्त थकान महसूस होती है।

ल्यूकोपीनिया में ज्यादा आता है बुखार (Fever comes more in leukopenia)

ल्यूकोपीनिया होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके चलते फ्लू, बुखार आदि का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को बार-बार बुखार आते रहता है।

जल्दी से सांस लेना (take a quick breath is a symptom of leukopenia)

मेहनत करने, काम करने, तेज चले या फिर दौड़ने पर जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं। लेकिन, ल्यूकोपीनिया की बीमारी होने पर यह समस्या लगातार बनी रहने लगती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj