एक अध्ययन में ओवरथिंकिंग और अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के बीच दो-तरफा संबंध पाया गया। हफीज इसे "चिकन-एंड-एग" स्थिति कहते हैं: उच्च स्तर का तनाव, चिंता और अवसाद अतिरंजना में योगदान कर सकते हैं। इस बीच, अधिक सोचने से तनाव, चिंता और अवसाद में वृद्धि हो सकती है। जबकि अधिक सोचना अपने आप में एक मानसिक बीमारी नहीं है, यह अवसाद, चिंता, खाने के विकार और मादक द्रव्यों के सेवन विकारों सहित स्थितियों से जुड़ा है। पुराने दर्द और पुरानी बीमारी वाले लोगों में भी अफवाह आम हो सकती है.
ओवरथिंकिंग पर काबू पाने के लिए कई तरीके हैं निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें और सीखें आप कैसे अपनी ओवरथिंकिंग कि इस गलत हैबिट पर काबू पा सकते हैं:-
1. अपना ध्यान भटकाना
जब हम ओवरथिंकिंग की इस चक्र में फंस जाते हैं, तो हम लगातार एक थॉट से दूसरे थॉट पर कूदना चालू कर देते हैं. जरूरी है कि हम सतर्क रहें हम अपने ध्यान को अगर थोड़ा भी उस थॉट से किसी और स्थाई विचार पर लाकर छोड़ दें या फिर उसको लगातार भटकाते रहे तो फिर हो सकता है कि इस ओवरथिंकिंग की गन्दी आदत से हमे निजात मिल जाए पर हमें इसका लगातार अभ्यास करते रहना होगा.
2. अपने विचारों पर सवाल उठाएं
हम क्या सोच रहे हैं अगर हम इस बात पर विचार करें और इस बात का निर्णय ले ले कि हमें इस विचार के बारे में सोचना है या नहीं सोचना है. या फिर हम इस विचार के बारे में कितना है क्योंकि अधिक सूचना किसी भी विचार के बारे में हमें ओवरथिंकिंग के काले घेरे में लाकर खड़ा कर देता है. जो हमें बीमार और बहुत बीमार बनाने के लिए काफी है इसलिए जरूरी है कि हम अपने विचारों के इस माले पर ध्यान रखें और अपने विचारों को नियंत्रित करने की कोशिश करते रहे.
3. अपने जीवन के लक्ष्यों को फिर से समायोजित करें
विचारों के गुब्बार में फंसने वाले लोग अक्सर भूल जाते हैं कि उनके जीवन का लक्ष्य क्या है इसलिए जरूरी है कि जब आप वर्थिंग क्योंकि इस गलत आदत को छोड़ने का निर्णय लें तो सबसे पहले अपना ध्यान केंद्रित करें अपने जीवन के लक्ष्य पर क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि हम अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं यदि हम इस स्थिति में हम अपने जीवन का पूरा ध्यान केंद्रित अपने लक्ष्य की ओर करें तो हो सकता है कि हमें हमारे ओवरथिंकिंग की गलत आदत से निजात मिल पाए.
4. अपने आत्मसम्मान को बढ़ाने पर काम करें
आत्मसम्मान किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. जरूरी है कि हम दूसरों के आत्मसम्मान और खुद के आत्मसम्मान के बारे में हमेशा प्रथम विचार रखें. क्योंकि अक्सर हम ओवरथिंकिंग की इस गलत आदत के चलते अपने आत्मसम्मान को भूल जाते हैं और हम ना ही खुद बल्कि दूसरों को भी जाने-अनजाने इतना लिबर्टी देते हैं कि वह हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा पाए और जब तक हमें बात समझ में आती है काफी देर हो चुकी होती है इसीलिए आत्मसम्मान का पूरा ध्यान रखें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।