शिशु की अच्छी सेहत के लिए जन्म के 6 महीने तक मां का दूध अच्छा माना जाता है। 6 महीने होने के बाद से बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के साथ साथ थोड़ा बहुत आहार देना शुरू किया जाता है। हर मां अपने बच्चे की सेहत को लेकर हमेशा बहुत ज्यादा सतर्क रहती है और उसकी अच्छी देखभाल के लिए हर तरह की कोशिश करती हैं। वहीं कुछ कामकाजी महिलाएं हमेशा यह सोचकर परेशान रहती है कि वे अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कैसे कराएं। लेकिन आज के समय में कामकाजी मांओं के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। ब्रेस्ट पंप (Breast Pump) की मदद से बच्चे को जब भी भूख लगे तो उसे दूध पीला सकते हैं।
जानते हैं क्या है ब्रेस्ट पंप?
ब्रेस्ट पंप एक ऐसी मशीन है जिसकी मदद से महिलाएं ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) को निकालकर स्टोर कर सकती हैं। इस पंप को मैन्युअली ऑपरेट किया जाता है और पंप करने पर दूध बोतल में आ जाता है।
ब्रेस्ट मिल्क को पंप करने के टिप्स
1 . सबसे पहले किसी शांत जगह पर जाकर बैठ जाएं फिर अपनी ब्रेस्ट की मसाज करें। इससे पंप करना आसान होता है।
2 . अगर आप इलेक्ट्रिक पंप का उपयोग कर रही हैं तो कम सेटिंग से इसकी शुरुआत करें। धीरे-धीरे इसकी स्पीड बढ़ा सकते हैं।
मिल्क स्टोर करने का आसान तरीका -
वैसे तो मां अपना दूध निकालकर बच्चे को तुरंत पिलाती है, तो यह बच्चे की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) निकालने के बाद रूम टेम्परेचर (Temperature) में तीन से चार घंटे तक खराब नहीं होता है। ब्रेस्ट पंप किया हुआ दूध बेबी की हेल्थ (Health) के लिए बाहर के दूध से बहुत अधिक फायदेमंद होता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।