कम पढ़े लिखे लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है - Kam Padhe Likhe logo ko dil ka daura padne ka khatra adhik hota hai

कम पढ़े लिखे लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है
कम पढ़े लिखे लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है

आजकल लोगों के पास समय इतना कम है कि वो अपना खान-पान सही से नहीं कर पाते। इसके साथ ही एक्सरसाइज तक पर ध्यान नहीं देते। इसके चलते कई बीमारियां तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। खराब खान-पान के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां भी होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है कम पढ़े लिखे लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।

कम पढ़े लिखे लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा क्यों रहता है अधिक (Why less educated people are more prone to heart attack)

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुए एक नए शोध में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम पढ़े-लिखे लोगों को ज्यादा शिक्षित लोगों के मुकाबले दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल विश्वविद्यालय (एएनयू) के प्रमुख शोधकर्ता रोजमैरी कोर्डा ने कहा है कि, आप की शिक्षा जितनी ही कम होगी, आपको दिल के दौरे या स्ट्रोक होने की संभावना ज्यादा रहेगी, यह तथ्य परेशान करने वाला है, लेकिन यह निष्कर्षों से साफ पता चलता है। शोध में पाया गया कि ऐसे वयस्क जिनके पास कोई शैक्षिक योग्यता नहीं थी, उनमें विश्वविद्यालय की डिग्री रखने वाले लोगों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने की संभावना दोगुनी (करीब 150 फीसद ज्यादा) होती है।

इस उम्र के लोगों में दिखा अधिक खतरा (People of this age showed greater risk Of heart attack)

इन वयस्कों की उम्र 45-64 साल थी। दिल का दौरा पड़ने का जोखिम इंटरमीडिएट स्तर या गैर-विश्वविद्यालयी शिक्षा वाले लोगों में करीब दो-तिहाई (70 फीसदी) से ज्यादा रहा। इसकी वजह यह थी कि अच्छी शिक्षा लंबे समय के स्वास्थ्य पर आपके कार्य की प्रकृति, आपके रहन-सहन और आपके खाने की पसंद पर असर डालती है।

कम पैसे कमाने वालों को भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक (People who earn less money are also more prone to heart attack)

मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों जिन्होंने विश्वविद्यालय डिग्री ली है, उनकी तुलना में पहली बार स्ट्रोक की संभावना हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं करने वालों में 50 फीसदी और गैर-विश्वविद्यालय योग्यता धारकों में 20 फीसदी रही। कोर्डा ने कहा कि, एक इसी तरह की असमानता घरेलू आय और दिल की बीमारियों के बीच में भी पाई गई। शोधकर्ताओं ने कहा कि, इस अनुसंधान से हमें शैक्षिक उपलब्धि और दिल के बीमारियों के खतरे की विशेष संबंधों के खुलासे का अवसर देता है। इससे यह भी पता लग सकेगा कि इसे कम करने के लिए क्या किया जाए। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने शिक्षा और दिल के रोगों (दिल का दौरा या स्ट्रोक) के संबंधों की जांच की। इसके लिए 45 साल से ज्यादा आयु के 267,153 पुरुषों और महिलाओं का 5 साल तक परीक्षण किया गया।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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