लिपोमा ट्यूमर है जो आपकी स्किन के नीचे फैट जमा होने के कारण होता है। इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। लिपोमा का इलाज सर्जरी ही है लेकिन मौजूदा वक्त में कई लोग सर्जरी कराने से बचते हैं। कई लोग इसका उपचार आयुर्वेद के जरिए करना चाहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आयुर्वेद में लिपोमा का ट्रीटमेंट है या नहीं।
क्या है लिपोमा?
ये स्किन में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है।
अमूमन शरीर की गांठ कैंसर में नहीं बदलते।
1 फीसदी से भी कम केस में कैंसर होता है।
लिपोमा आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट
नींबू(Lemon)
नींबू लिपोमा जैसी बीमारी से निजात दिलाने में बहुत कारगर है। नींबू एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। नींबू की मदद से चर्बी की गांठ को दूर करने में मदद मिलती है।
सेब का सिरका(Apple vinegar)
सेब का सिरका भी लिपोमा का बेहतरीन इलाज माना जाता है। ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है। इसके साथ ही ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। सेब के सिरके की मदद से ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाया जा सकता है।
हल्दी(Turmeric)
हल्दी कई बीमारियों में रामबाण साबित होता है। लिपोमा की समस्या से निजाते दिलाने में हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। ये सभी गुण सूजन को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
गिलोय(Giloy)
लिपोमा की समस्या को दूर करने के लिए गिलोय का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कोरोना काल में यह देखने को मिला है कि गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में बहुत कारगर साबित हुआ है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।