अक्सर लोगों के मुंह से सुना होता है कि किसी व्यक्ति को खसरा हो गया है या चिकनपॉकस या फिर स्मॉल पॉक्स हुआ है। लोग इन तीनों बीमारी को एक ही समझ लेते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि ये तीनों एक ही बीमारी नहीं, बल्कि तीनों अलग तरह की बीमारी होती है। बहुत से लोगों को इस बात की गलतफहमी रहती है कि तीनों बीमारी एक है। लेकिन आज इस लेख में हम आपको तीनों बीमारी के बारे में बताएंगे। तो चलिए आगे लेख में जानते हैं।
खसरा (Measles) - खसरा एक बेहद ही संक्रामक रोग है। जो संक्रमित बलगम, लार के संपर्क में आने से फैलता है। खसरा से संक्रमित मरीज जब खांसते या छींकते हैं, तो इससे संक्रमण हवा में फैलता है जिससे और भी लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। यह बचपन में होने वाला रोग है। खसरा पहले बहुत ही आम बीमारी थी। लेकिन अब जब इसकी वैक्सीन बन चुकी है, तो इसे आसानी से रोका जा सकता है। खसरा का वायरस 7 से 10 दिनों में मर जाता है। जिससे मरीज इससे रिकवर होने लगता है।
खसरा के दौरान मरीज के शरीर पर दानों में छोटे लाल धब्बे हो जाते हैं, जिनमें से कुछ थोड़े ऊपर उठे हुए होते हैं। दाने व चक्कतों का समूह त्वचा पर लाल रंग के धब्बे के समान दिखाई देता है। खसरा फैलना की शुरूआत चेहरे से होती है और यह विशेष रूप से कान के पीछे और सिर के किनारे की तरफ होना शुरू होता है। वहीं कुछ दिनों में, हाथों व शरीर के ऊपरी भाग पर भी दाने फैलने लग जाते है, और फिर जांघों व पैरों पर भी ये पूरी तरह से फैल जाते हैं। इसी समय बुखार भी तेजी से बढ़ता है। अक्सर 104 से 105.8 डिग्री से भी ज्यादा होता है। खसरे के दाने धीरे-धीरे चेहरे से लुप्त होना शुरू होते हैं और कम होते जाते हैं।
चिकनपॉक्स (Chickenpox) - चिकनपॉक्स, जिसे हम हिन्दी में चेचक के नाम से जानते हैं। ये बच्चों और वयस्कों दोनों को हो सकते हैं। चेचक भी दो प्रकार की होती है, जिसे आम बोली में छोटी माता और बड़ी माता के नाम से जाना जाता है। ये एक गंभीर बीमारी है, जो ठीक तो हो जाती है। लेकिन बहुत परेशान भी करती हैं। चेचक होने पर शरीर पर दाने उभर आते हैं और इन दानों में खुजली, जलन जैसी समस्या होने लगती है। इस बीमारी के दौरान मरीज बहुत कमजोर हो जाता है। इस दौरान तेज बुखार भी आने लगता है।
चेचक की बीमारी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक रोगी से दूसरे व्यक्ति को लग सकती है। इसलिए इस बात का भी खासा ध्यान रखना जरूरी होता है कि रोगी से दूरी बनाए रखें। चेचक वायरस से होने वाली बीमारी है। ये वायरस त्वचा की छोटी रक्त वाहिकाएं, मुंह और गले में असर दिखाते हैं। यह केवल मनुष्यों में होता है।
चेचक के दो तरह के वायरस होते हैं
वायरोला मेजर - ये वायरस ज्यादा खतरनाक होता है। इसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। यही नहीं इसके होने पर व्यक्ति अंधेपन का शिकार भी हो सकता है। इसलिए इसका तुरंत इलाज होना आवश्यक होता है।
वायरोला माइनर - ये वायरस वैसे तो ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। लेकिन फिर भी इसका सही समय पर ट्रीटमेंट होना जरूरी रहता है। इसके होने पर मृत्यु होने की संभावना भी काफी कम होती है। लेकिन ये बहुत तेजी से फैलता है। इसके टीके के आविष्कार से पहले यह रोग महामारी की तरह फैलता था और लोगों की इससे मौत भी हो जाती थी।
स्मॉलपॉक्स (Smallpox) - स्मॉलपॉक्स और चिकनपॉक्स में ज्यादा अंतर नहीं होता है। छोटी माता में दाने छोटे होते हैं, वहीं बड़ी माता में दाने बड़े होते हैं उसमें मवाद भरा हुआ रहता है, जो फटने के बाद सूख जाते हैं। वहीं छोटी माता में दानों में मवाद नहीं भरता, ये ऐसे ही सूख कर झड़ जाते हैं। इन दोनों के ही लक्षण भी एक जैसे होते हैं।
चेचक के लक्षण Symptoms of chickenpox
तेज बुखार, लाल दाने का दिखना, गला सूखना, शरीर में दर्द और ऐंठन, उल्टी जैसा लगना, सिर में दर्द होना, गले में सूजन, पीठ दर्द, नाक का बहना, गला दर्द करना ये सभी चेचक के लक्षण होते हैं।
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