पिछले साल वायु प्रदूषण के कारण भारत में चीन से ज्यादा लोगों की हुई मौत- pichle saal vayu pradusan ke karan bharat me china se jayada logo ki hui maut

पिछले साल वायु प्रदूषण के कारण भारत में चीन से ज्यादा लोगों की हुई मौत
पिछले साल वायु प्रदूषण के कारण भारत में चीन से ज्यादा लोगों की हुई मौत

वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए तीसरा सबसे बड़ा खतरा बन गया है। वायु प्रदूषण के चलते कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। भारत में पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदूषण के चलते कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक हो जाता है। साथ ही फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है। भारत में हाल यह है कि यहां पर वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से अधिक है।

वायु प्रदूषण से चीन के मुकाबले भारत में हो रही ज्यादा मौतें (More people died in India than China due to air pollution)

ग्रीनपीस स्टडी की एक रिपोर्ट की मानें तो वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक आउटडोर वायु प्रदूषण की वजह से वर्ष 2015 में 3283 लोगों की जान गई जोकि इस दौरान चीन में हुई 3233 मौतों से कहीं ज्यादा है। भारत में वायु प्रदूषण के बढ़ते हुए खतरे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां 1990 में इससे 2100 और 2000 में 2502 और 2010 में 2865 लोगों की मौत हुई लेकिन पिछले पांच वर्षों के दौरान इसमें बहुत तेजी से बढ़त आई और अब ये आंकड़ा 3 हजार को पार कर गया है।

वहीं, चीन में वायु प्रदूषण के कारण 1990 में 2630 लोगों की मौतें हुई थी जोकि अगले एक दशक में बढ़कर 2000 तक 2010 हो गईं लेकिन, इसके बाद चीनी सरकार द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तमाम कदम उठाए गए जिसके चलते 2010 में 3100 लोगों की मौतें हुई और 2015 में 3233 लोगों की जान गई। रिपोर्टों के मुताबिक भारत में पिछले दो दशकों के दौरान वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है तो वहीं. चीन ने अपने यहां स्थिति को लगभग स्थिर कर लिया है।

प्रदूषण से लोगों को बढ़ रहा फेफड़ों का कैंसर (People are increasing lung cancer due to pollution)

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 की रिपोर्ट की माने तो, पिछले साल हुई आधी से अधिक मौतों का कारण बाहरी प्रदूषण पीएम 2.5 है। जबकि, अन्य का कारण लकड़ी के कोयला, लकड़ी और खाना पकाने के लिए गोबर के कंडे का उपयोग करना माना गया। इसके साथ ही पिछले साल बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण भारत में स्ट्रोक, दिल का दौरा, मधुमेह, फेफड़ों का कैंसर, फेफड़ों की पुरानी बीमारी और नवजात बच्चों के रोगों के कारण बड़ी मौतें हुई। नवजात बच्चों में अधिकतर मौतों का कारण कम वजह और अपरिपक्व के कारण हुई।

वायु प्रदूषण के चलते लोग हो रहे बीमार (People are getting sick due to air pollution)

हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट (HEI) की वार्षिक ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट के मुताबिक अब लोगों के बीमार होने का बड़ा कारण वायु प्रदूषण बन रहा है। इससे फेफड़ों के कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी होते जा रही है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।