ज्यादातर भारतीय कम फल और सब्जियों का सेवन करते हैं - jayadatar bhartiy kam fal aur sabjiyo ka sewan karte hai

ज्यादातर भारतीय कम फल और सब्जियों का सेवन करते हैं
ज्यादातर भारतीय कम फल और सब्जियों का सेवन करते हैं

फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। हर किसी को रोज मौसम के अनुसार फल खाने की सलाह दी जाती है। आजकल, लाइफ इतना ज्यादा बिजी हो गया है कि लोग नियमित खान-पान ही सही से नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में फल को तो कभी-कभार छुते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि, भारतीय पोषक तत्वों और महत्वपूर्ण विटामिन की बहुत कम खुराक लेते हैं।

कम फल और सब्जियों का सेवन करते हैं भारतीय (Indians consume less fruits and vegetables)

अध्ययन में सामने आए आंकड़ों की माने तो, हरी पत्तेदार सब्जियों की जिस मात्रा में सिफारिश की जाती है, वह प्रति व्यक्ति 40 ग्राम प्रतिदिन है। जबकि, देश में इसका औसत आंकड़ा प्रति व्यक्ति केवल 24 ग्राम ही है। अनाज और बाजार का औसत सेवन 320 ग्राम प्रतिदिन पाया गया है। वहीं दालों और फलियों का सेवन 42 ग्राम प्रतिदिन देखा गया।

नियमित फल-सब्जी खाने वालों में कम होती है हड्डियों की परेशानी (Bone problems are less in regular fruit and vegetable eaters)

रिसर्च में बताया गया है कि, जो लोग फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करते हैं, वे हड्डियों की परेशानी से 42 प्रतिशत तक बचे रहते हैं। फल और सब्जियां खाने, नमक पर नियंत्रण रखने और स्वस्थ वजन बनाए रखने तथा संतुलित आहार लेने से हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही अन्य गैर-संचारी रोगों जैसे टाइप 2 मधुमेह से बचने की संभावना भी बढ़ जाती है।

भारत में तेजी से बढ़ रहा कई रोगों का खतरा (The danger of many diseases is increasing rapidly in India)इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) व हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल तथा आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आर एन टंडन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गैर-संचारी रोगों का भार बढ़ने के प्रमुख कारकों में से एक यह है कि लोग अस्वास्थ्यकर आहार लेते हैं। जिसमें फोलों और सब्जियों की कमी रहती है। भारत में गैर-संचारी रोगों और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों तेजी से बढ़ रही हैं। अस्वास्थ्य भोजन मोटापे, रक्तचाप, रक्त शर्करा और रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है।

रिसर्च के मुताबिक, समृद्ध भारतीय अपनी दैनिक ऊर्जा का 30 प्रतिशत हिस्सा वसा से लेता है और पिछली पीढ़ियों की तुलना में आहार में फाइबर की आधी मात्रा का ही उपयोग कर पाता है। भारतीयों में काफी हद तक चेतावनी के संकेतों को अनदेखा करने की आदत होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj