बवासीर के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार - Bawasir Ke Karan, Lakshan Aur Gharelu Upchar

बवासीर (Piles) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
बवासीर (Piles) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

बवासीर (Piles or Hemorrhoids) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के गुदा या मलाशय के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से मलाशय के अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जमाकर होकर मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ ही दर्द भी होता है। मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं। इस समस्या के कारण व्यक्ति को बैठने में भी दिक्कत हो सकती है। इस लेख में बवासीर के कारण (Causes) और घरेलू उपचार (Home Remedies) की सूचि दी गई है, आइये आगे पढ़ें।

बवासीर के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार - Bawasir (Piles) Ke Karan, Lakshan Aur Gharelu Upchar In Hindi

बवासीर के कारण : Causes Of Piles In Hindi

- कब्ज (constipation) के कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से पाइल्स की समस्या हो जाती है।

- जो लोग ज़्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं, उन्हें भी बवासीर की समस्या हो जाती है।

- पाइल्स का एक कारण मोटापा (obesity) भी है।

- प्रेग्नेंसी (during pregnancy) के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है।

- डिलीवरी (post delivery) के बाद भी यह समस्या हो सकती है। महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने से बवासीर होने का खतरा रहता है।

- यदि परिवार (genetics) में किसी को बवासीर है, तो आपको इसे होने का खतरा बढ़ जाता है।

- अधिक तला एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन करना।

- शौच ठीक से ना होना।

- फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना।

- आलस्य या शारीरिक गतिविधि कम करना।

- धूम्रपान (smoking) और शराब (alcohol) का सेवन।

- अवसाद (depression)

बवासीर के लक्षण : Symptoms Of Piles In Hindi

मल त्याग के समय दर्द होना और रक्त या म्यूकस आना, गुदा या मलाशय के आसपास सूजन या गांठ जैसे होना, गुदा या मलाशय के आसपास खुजली होना, मल त्याग के बाद भी ऐसा लगना कि पेट साफ नहीं हुआ है, बवासीर के मस्सों से सिर्फ खून आना आदि।

बवासीर के लिए घरेलू उपचार : Home Remedies To Cure Piles In Hindi

1. पपीते का सेवन (Eat Papaya)

रात के भोजन में पपीता खाएं। इससे कब्ज नहीं होगी। इससे मल त्याने के समय होने वाली पीड़ा नहीं होगी।

2. सेब का सिरका (Use Apple Cider Vinegar)

खुनी बवासीर होने पर एक गिलास पानी में एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका) का 1 चम्मच डालकर दिन में दो बार पिएं। बादी बवासीर में सेब के सिरके में रुई भिगाकर गुदा में रखें। इससे जलन और खुजली से राहत मिलेगी।

3. एलोवेरा (Use Aloe vera)

एलोवेरा के सूजनरोधक और चिकित्सकीय गुणों से बवासीर की जलन कम हो जाती है और कब्ज की समस्या नहीं होती। गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं। यह जलन और खुजली को शांत करता है। 200-250 ग्राम एलोवेरा पल्प खाएं, इससे कब्ज नहीं होगी और मलत्यागने में आसानी होगी।

4. जैतून के तेल (Olive Oil)

जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले गुण होते हैं। यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को कम करता है। जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं।

5. बादाम का तेल (Almond oil)

शुद्ध बादाम के तेल में रुई को डुबोएं, तथा बादी बवासीर में मस्सों पर लगाएं। यह सूजन और जलन को कम करता है।

6. अंजीर खाने से लाभ (Fig)

3 अंजीर एक गिलास पानी में भिगों दें। सुबह खाली पेट इसका सेवन कर, इस पानी को भी पिएं।

7. जीरा का उपयोग (Use Cumin Seeds)

बादी बवासीर में दर्द और जलन होने पर जीरे के दानों को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। इसे मस्सों वाली जगह पर लगाएं। खूनी बवासीर में जीरे को भूनकर मिश्री के साथ पीस लें। इसे दिन में 2-3 बार 1-2 ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ लें।

8. नींबू (Lemon as Cure)

नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे बवासीर में फायदा पहुँचता है।

9. पका केला खाएं (Eat Ripe Banana)

पके केला को उबालें और दिन में दो बार सेवन करें। यह फायदा देता है।

10. तला हुआ खाना ना खाए (Avoid Fried Foods)

जंक-फूड, तला-भुना एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।