"Postpartum depression" यानि "प्रसवोत्तर अवसाद" क्या होता है और ये नए पिताओं को कैसे हानि पहुंचता है ?

What is "Postpartum Depression" and how does it harm new fathers?
"Postpartum depression" यानि "प्रसवोत्तर अवसाद" क्या होता है और ये नए पिताओं को कैसे हानि पहुंचता है ?

जब कोई दंपति अपने जीवन में एक नयी जान को जन्म देता है, तो वो बच्चा पुरे परिवार के लिए ख़ुशी बनकर आता है. पर ये ख़ुशी माँ-बाप के लिए एक परफेक्ट पेरेंटिंग का तनाव पैदा करती है. जिसके बाद माता और पिता दोनों में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है. Postpartum depression को हम एक लाइन में ऐसे समझ सकते है , "वो तनाव भरी भावना, जो माता पिता को बच्चे के पैदा होने के बाद महसूस होती है."

दंपति में Postpartum depression के चलते किस तरह के बदलाव या लक्षण देखने को मिलते है ?

शिशु के जन्म के बाद अकसर दंपति में भावात्मक बदलाव होते है जैसे, बच्चे को प्यार करने में समस्या, अनसुलझी चिंता, थकावट आदि. नए पिताओं को न सिर्फ इन बदलावों से गुजरना होता है बल्कि उन्हें Postpartum depression के चलते समाजिक बदलाव, शारीरिक और मानसिक तनाव के साथ वित्तीय तनाव को भी झेलना पड़ता है. इस तनाव में आपको अत्यधिक थकावट, नीद आने में दिक्कत, और खाने-पिने के पैटर्न में काफी बदलाव देखने को मिलता है. अगर नए पिताओं के बारे में बात की जाए तो ये अक्सर दूसरों के सामने तो खुद को खुश ही दिखाते है, पर असल में सामाजिक तनाव इन्हें अंदर से कमजोर बना रहा होता है.

पुरषों में Postpartum depression के कारण क्या है ?

१. अनचाह गर्भ: जब दंपति आर्थिक और शारीरक रूप से संतान पैदा करने से आसमर्थ होते है तब जिन्दगी में आये इस अचानक बदलाव का कारण बनता है PPD (Postpartum depression)

२. वैवाहिक जीवन में कलह: जब दंपति के आपसी रिश्ते सुखद नही होते और ऐसे में उनके बीच आई इस नन्ही जान की जिम्मेदारी उन्हें PPD (Postpartum depression) देती है.

३. डिप्रेशन हिस्ट्री: अगर माता या पिता में से किसी को भी डिप्रेशन रहा है या फिर बच्चे के आने से उन्हें डिप्रेस्ड इमोशन की भावना है तो ये PPD (Postpartum depression) का कारण हो सकता है.

४. हारमोंस में बदलाव: सिर्फ माता में ही नही बल्कि बच्चे के जन्म के बाद नए पिताओं में भी हारमोंस के बदलाव देखने को मिलते है, हारमोंस जैसे testosterone और vasopressin

५. गरीबी: ये एक ऐसा पहलु है जिसे समझना आसान भी है और कठिन भी, पर जरूरी है की इसे समझा जाए क्युकी जब घर में नया सदस्य आता है तो ये गरीबी होने पर पिता में अवसाद का विषय पैदा करता है जिसका सीधा कारण PPD (Postpartum depression) हो सकता है.

PPD (Postpartum depression) से कैसे बचे?

पैरेंटल एजुकेशन ये हर एक दंपति के लिए बेहद जरूरी है. चाहे वो किसी भी वर्ग का हो. अगर आप PPD (Postpartum depression) से बचना चाहते हैं. तो हमेशा याद रखें, की किसी नन्ही जान को इस दुनिया में लाने से पहले आर्थिक और शारीरक रूप से तैयार रहे. अनचाह गर्भ आपको मुश्किल में डाल सकता है . कोन्त्रसप्तिक पिल, कंडोम्स आदि का प्रयोग अपनी निजी जिंदगी में जरूर करे आपकी अच्छी सेहत और बच्चे का अच्छा भविष्य आपके हाथ में है. तो इसे अच्छे से प्लान करे. एक अच्छी पैरेंटल एजुकेशन आपको PPD (Postpartum depression) से बच्चा सकती है.

PPD (Postpartum depression) का इलाज

PPD (Postpartum depression) का इलाज इसकी स्टेज से तय किया जाता है, अगर आप पहेली या दूसरी स्टेज पर है तो सेल्फ-हेल्प काम कर सकती है ,पर अगर आप PPD (Postpartum depression) के जादा ग्रस्त हैं तो आप मनोविज्ञानी या मनोचिकत्स्क से मदद ले सकते हैं. क्युकी मानसिक समस्या कैसी भी हो ये आपको बीमार बनती है.

और जैसा की Mark Manson की किताब में लिखा है "आपका दिमाग आपके शारीरिक और मानसिक पीढ़ा में अंतर नही समझता उसके लिए दोनों ही पीढ़ा बराबर हैं" आगे आप स्वयं समझदार हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by वैशाली शर्मा