मौसम के बदलने के साथ-साथ शरीर में कई समस्या देखने को मिलती है, जैसे कि सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि के साथ बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लंबे समय तक पानी में रहने की वजह से यह समस्या बढ़ जाती है। इसलिए बारिश के मौसम में लंबे समय तक पानी में ना भीगे। क्योंकि इसकी वजह से आप कई तरह की परेशानी में आ सकते हैं। इन सब समस्या से बचने के लिए सरसों तेल उपयोगी होता है, आमतौर पर सभी घरों में सरसों का तेल उपलब्ध होता है तो यह एक ऐसी औषधि है, जिसे आप जब चाहे तब आवश्यकता पड़ने पर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
गुणों से भरपूर है सरसों का तेल
सरसों के तेल में ऐंटिफंगल प्रॉपर्टीज होती हैं। जो व्यक्ति की त्वचा पर किसी भी तरह के फंगस को बढ़ने नहीं देती हैं। इसके साथ ही अगर सरसों तेल से शरीर की की मालिश की जाए तो इससे व्यक्ति के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। साथ ही त्वचा की कोशिकाओं की तेजी से हीलिंग होती है। इस कारण की वजह से ऐंटिफंगल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री...इन सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए सरसों का तेल फायदेमंद होता है।
नाक में सरसों तेल डालने के फायदे -
सरसों तेल में इसेंशियल ऑयल्स होते हैं, जो वायरस को दूर रखने और करने में सक्षम होते हैं। सरसों तेल में मोनो अन सेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जिसके कारण इस तेल से बनाया भोजन किया जाएं तो हृदय रोग से भी बचाव होता है। साथ ही सरसों तेल में फंगस प्रतिरोधक, वायरस प्रतिरोधक, एंटी इन्फ्लेमटरी गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन ई की भी अच्छी मात्रा होती है।
सरसों तेल के सेवन से व्यक्ति की पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है। वहीं इससे भूख बढ़ाने में भी मदद मिलती है इसलिए अगर आपको भूख न लगने की समस्या रहे, तो खाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। साथ ही रोजाना एक-एक बूंद नाक में भी डालें। इसके साथ ही सरसों के तेल से अस्थमा की बीमारी में भी आराम मिलता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।