अगर कोई दिनभर की थकान क्रे बाद भी समय पर सोता नहीं है, बार-बार करवटें बदलता है, ये सोचकर की नींद आ जाएगी। नींद न आने की समस्या एक बीमारी होती है, जिसे स्लीप डिसऑर्डर कहा जाता है। स्लीप डिसऑर्डर सिर्फ बड़े लोगों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी होती है। ऐसे में नींद न आने या अनिद्रा की समस्या के कारण बच्चों को चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, खाना ठीक से न खाना, पेट संबंधित समस्याएं, सुस्ती जैसी प्रॉब्लम आम देखने को मिलती है। ऐसे में हर माता पिता के लिए जरूरी है बच्चों में इसके लक्षणों (sleep disorders symptoms in child) का पता लगाना। तो चलिए जानते हैं बच्चों में होने वाले स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण।
बच्चों में नींद न आने के लक्षण -
अगर कोई बच्चा रात को देर से सोता है और सुबह बिना कहे उठ जाता है, तो ये स्लीप डिसऑर्डर का लक्षण है।
रात में बार-बार नींद से जगाना और फिर दोबारा सोने में परेशानी महसूस होना।
दिन के समय में 10 से 15 मिनट की कई झपकियां लेना।
हर समय सुस्ती महसूस होना।
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन महसूस होना।
बच्चों को नींद न आने का कारण -
बुरा सपना देखना - कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को नींद न आने की समस्या के पीछे बुरे सपने का कारण हो सकता है। अगर आपका बच्चा छोटा है और टीवी, मोबाइल या लैपटॉप पर वीडियो देखता है तो हो सकता है कि बुरे सपने इन कारणों से आ रहे हों। लिहाजा हमेशा सोने से पहले या पूरा दिन आपका बच्चा मोबाइल और टीवी पर क्या देख रहा है इस पर ध्यान दें।
वातावरण के कारण - कई बार आसपास के शोरगुल, गर्मी या सर्दी के कारण भी बच्चों को नींद न आने की समस्या हो सकती है। बच्चों को सुलाते वक्त ध्यान दें कि आसपास बिल्कुल शांत माहौल हो। जिस कमरे में बच्चा सो रहा है वहां का तापमान सामान्य हों।
कैफीन का सेवन - आज कल के पेरेंट्स बहुत कम उम्र से ही बच्चों को कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, सोडा जैसी चीजें देने लगते हैं। लेकिन आपको बता दें, कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक जैसी चीजों में कैफीन की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। अगर छोटा बच्चा इसका सेवन करता है तो नींद न आने की समस्या होना लाजिमी है।
बच्चों के लिए कितनी नींद है सही?
अगर आप अपने बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से चाहते हैं तो इसके लिए पर्याप्त नींद sleeping cycle बहुत जरूरी मानी जाती है। बच्चा कितना सोता है, ये उसकी उम्र पर निर्भर करता है। 1 से 2 महीने के बच्चे 16 घंटे की नींद लेते हैं, वहीं, 2 महीने से 1 साल तक के बच्चों को 12 से 14 घंटे की नींद लेना अच्छा माना जाता है। 3 से 5 साल के बच्चे के लिए 10 से 12 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है। 6 से 12 साल के बच्चों को 9 से 11 घंटे की नींद और 13 से 16 साल तक 10 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।