छोटी-छोटी आदतें जो आपका दिन बेहतर बनती हैं: मानसिक स्वास्थ्य

Small Habits That Make Your Day Better: Mental Health
छोटी-छोटी आदतें जो आपका दिन बेहतर बनती हैं: मानसिक स्वास्थ्य

कृतज्ञता सकारात्मक मानसिकता रखने का एक अद्भुत तरीका है जब जीवन आपको नीचे ले जा रहा हो। अपने जीवन में सकारात्मक चीजों के बारे में सोचने के लिए प्रत्येक दिन कुछ समय अलग रखें और उन्हें लिख लें ताकि आप उन्हें वापस देख सकें। जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से, यहां तक कि अपने सबसे बुरे क्षणों में भी, आपके मानसिक स्वास्थ्य में अत्यधिक मदद कर सकता है।

आपके अन्दर ये कृतज्ञ रहेने की भावना हमेशा जगी रहे और आप खुद को स्वस्थ महसूस कर पायें इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी छोटी-छोटी आदतों के बारे में बतायेंगे जो आपको हर तरह से स्वस्थ रहने में मदद करेंगी.

निम्नलिखित बिन्दुओं को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं और चमत्कारी रूप से स्वस्थ हो जाएं:-

छोटी-छोटी आदतें
छोटी-छोटी आदतें

1. अच्छी नींद लेना

जीवन में हर किसी को एक रिचार्ज की जरूरत होती है. जरूरी है की आप अपने हिस्से का रिचार्ज लेने में कंजूसी या लापरवाही न दिखायें. एक अच्छी नींद आपको स्वस्थ बनाये रखने में आपका पूर्ण सहयोग देती है.

2. सोशल मीडिया से ब्रेक लें

सोशल मीडिया कोई बुरी चीज़ नही है. पर आपको इससे नुक्सान पहुँच सकता है और वो भी कई तरीकों से. जिसमे से एक है इसका अत्यधिक प्रयोग करना. ये आपको चिडचिडा और आलसी बना सकता है. जिसके कारण आपका मानसिक स्वास्थ्य गडबडा सकता है . इसलिए जरूरी है सोशल मीडिया से आप वक्त-वक्त पर ब्रेक लेते रहें.

3. दोस्तों से जुड़ें

दोस्त जिंदगी के हर पड़ाव पर मदद करतें है, हर दोस्त नही, पर कुछ खास जरूर. इसीलिए अपने व्यस्त समय में से कुछ समय अपने जिगरी दोस्तों के लिए जरूर निकालें, ये आपको एक ब्रेक के साथ-साथ सुकून भी देगा जो शायद आपको और कहीं न मिल पाये.

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4. शारीरिक गतिविधि का प्रयास करें

कोई कुछ भी कहे, पर कसरत करना सभी के लिए अनिवार्य है, जो लोग खुद को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बतातें हैं असल में उन्हें भी अपने दिनचर्या में व्ययायम को शामिल करना ही चाहिए. क्युकी व्ययायम करने से सिर्फ शारीरिक ही नही बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी कायम रहता है.

5. अपने आहार पर विचार करें

आजकल का समय बड़ा ही विचित्र होता जा रहा है. हर किसी को बाहर का खाना खाने का लुफ्त उठाना है. ये कोई बुरी बात तो नही, पर हम स्वाद के लोभ में अपने स्वास्थ से समझोता करते जा रहे हैं. जिसके परिणाम एक नही अनेक हैं. हॉस्पिटल से लेकर कई डॉक्टरों के क्लिनिक्स तक मरीज़ गंभीर पेट की अनेकों बिमारियों से भरे पड़े हैं, इसीलिए यहाँ समझदारी बरतने की ज़रुरत है.

6. जानिए कब चीजों को जाने देना है

लोग "मोह" के शिकारी हो रहें हैं. हर किसी के अपने-अपने मोह हैं. जो उन्हें अवसाद के काले घेरे में लाकर खड़ा कर देता है. ये एक विचित्र समस्या है. इसीलिए ज़रूरी है की हम खुद पर काबू रखें और सीखें की हमे कब चीज़ों को जाने देना है. किसी भी चीज़ को पकड़ लेना या अगर आप किसी चीज़ को पकड़ना चाहें तो वो फिर हाथ नही आती इसलिए जाने दें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by वैशाली शर्मा