दीपावली के त्योहार का लोग सालभर इंतजार करते हैं। इस दिन लोग तरह तरह की मिठाइयां, नए कपड़े, घर को सजाना, रात में पूजा, फिर पटाखे जलाना इन सभी चीजों को करने का बेसब्री से लोग साल भर इंतजार करते हैं। लेकिन पटाखे जलाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे किसी को हानि न हो। दमा के मरीजों के लिए पटाखों का धुआं बहुत नुकसानदायक होता है। छोटे से छोटे पटाखों में धुआं होता है जो किसी भी दमा के मरीज के लिए सांस उखड़ने का कारण बन सकता है। पटाखों को जलाने से होने वाला धुआं अस्थमा (Asthma), लंग फाइब्रोसिस (lung fibrosis), एलर्जिक राइनाइटिस और ब्रोंकाइटिस (bronchitis) जैसी सांस की बीमारी वाले मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए दीपावली के समय दमा के मरीजों को बहुत सतर्क रहना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए।
दमा के मरीज ऐसे रखें दीपावली में खुद को स्वस्थ - Asthma patients keep themselves healthy in Diwali like this
मास्क पहनकर निकले बाहर ( Wear a mask) - दीपावली पर दमा से पीड़ित लोगों को मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए। इससे वो बहुत हद तक धुएं से बचे रह सकते हैं। कोशिश करें कि मास्क आप N95 ही लगाएं। क्योंकि इसको लगाने से आप पटाखों से निकलने वाले धुएं से बचे रह सकते हैं। वहीं अगर आप घर पर रहकर भी मास्क पहनकर रहें, तो इससे आप पूरी तरह से सेफ रहेंगे।
दवाई और इनहेलर को रखें पास - अगर आप इनहेलर (inhaler) या किसी तरह की दवाई (medicine) का उपयोग करते हैं, तो इस बात का ध्यान भी जरूर रखें कि इस समय अपनी दवाई और इन्हेलर को अपने पास रखें। क्योंकि सांस उखड़ने की समस्या में इनहेलर के उपयोग से तुरंत राहत मिल जाती है। लेकिन अगर इनहेलर से भी आराम न मिले, तो डॉक्टर के पास जाने से बिल्कुल भी न हिचकिचाएं। तुरंत इसका उपचार करवाएं।
गरारे करें (Gargle) - गरारे करने से लंग्स में जमे कफ को निकालने में आसानी होती है। यही नहीं इससे आपकी लंग्स साफ रहेगी और आप दमा के अटैक से भी बचे रह सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको धुएं से दिक्कत हो रही है, तो तुरंत एक गिलास गर्म पानी करें और उसमें एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर गरारे करें। इससे आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
कम से कम घर से निकलें बाहर - जो लोग सांस की बीमारी से पीड़ित होते हैं उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वे पटाखों के धुंए के कारण घर से बाहर न निकलें। क्योंकि धुंए के संपर्क में आने से सांस फूलने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए खुद को बचाए रखने के लिए आपको घर के अंदर ही रहना चाहिए।
दिपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार होता है। कोशिश करें कि कम से कम पटाखे जलाएं। इससे दूसरों को परेशानी न हो। साथ ही पर्यावरण को भी इससे कोई हानि न पहुंचे ।
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