आइजेनमेंगर सिंड्रोम की बीमारी में व्यक्ति के शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है और हाइपरटेंशन के लक्षण नजर आते हैं। बता दें युवा में ये रोग होने की आशंका ज्यादा रहती है और उम्र बढ़ने के साथ समस्या भी बढ़ सकती है। गर्भावस्था में भी ये बीमारी हो सकती है, अगर आप गर्भवती हैं और आपको आइजेनमेंगर सिंड्रोम हुआ है तो आपको चक्कर आ सकता है या थकान महसूस हो सकती है या हार्ट के दाएं हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। जानते हैं आइजेनमेंगर सिंड्रोम (eisenmenger syndrome) के कारण, लक्षण और इलाज।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of eisenmenger syndrome in hindi)
1 . अगर किसी को आइजेनमेंगर सिंड्रोम हुआ है तो उस व्यक्ति को सीने में दर्द या थकान महसूस हो सकती है।
2. आइजेनमेंगर सिंड्रोम होने पर सिर में दर्द होता हैं।
3. हाथ या पैर में झुनझुनी होना भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम हो सकता है।
4. चक्कर आना या बेहोश हो जाना भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण होते हैं।
5. जकड़न महसूस होना, पैल्पिटेशन की समस्या भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण होते हैं।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम का कारण (Causes of eisenmenger syndrome in hindi)
1 . असामान्य रूप से ब्लड फ्लो होने के कारण आइजेनमेंगर सिंड्रोम की समस्या होती है।
2 . आइजेनमेंगर सिंड्रोम की बीमारी के कारण व्यक्ति के फेफड़ों से शरीर के बाकि हिस्सों में खून जाने के बजाय दोबारा फेफड़ों में खून लौटने लगता है।
3 . साइनोटिक हार्ट डिसीज, एट्रियल सेप्टिक डिफेक्ट आदि बीमारी के कारण ये सिंंड्रोम हो सकता है।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम का इलाज (Eisenmenger syndrome treatment in hindi)
1 . आइजेनमेंगर सिंड्रोम होने पर रेड ब्लड सैल्स को कम किया जाता है और ब्लड की कमी को दूर करने के लिए तरल पदार्थ का सेवन करने के लिए कहा जाता है।
2 . ब्लड वैसल्स को खोलने के लिए डॉक्टर जरूरी दवाएं भी देते हैं।
3 . गंभीर मरीजों को हार्ट व लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।