मानसून के समय में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का बढ़ जाता है। डेंगू बुखार, जिसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह एक ऐसी बीमारी जिसका समय रहते इलाज ना किया जाए तो व्यक्ति की जान भी चली जाती है। मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जो गंभीर स्थिति में मृत्यु का कारण भी बन जाती है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं और हजारों की संख्या में लोगों की मृत्यु भी होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और अक्सर दिन के समय में काटते हैं। इसलिए इनसे बचना बहुत जरूरी है। बता दें कि डेंगू चार वायरसों के कारण होता है। वो चार वायरस हैं डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। वहीं डेंगू सीधे तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
डेंगू के लक्षण
आमतौर पर देखा गया है कि डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है। डेंगू में 104 डिग्री तक बुखार होता है। इसके साथ ही डेंगू के ये भी लक्षण होते हैं।
सिर दर्द
मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
जी मिचलाना
उल्टी लगना
आंखों के पीछे दर्द
ग्रंथियों में सूजन
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
पेट की खराबी
डेंगू के ज्यादातर मरीज एक या दो हफ्ते के भीतर ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में गंभीर लक्षणों की स्थिति और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण लोगों की जान भी चली जाती है। इसमें पेट में गंभीर दर्द, लगातार उल्टी आना, उल्टी से खून आने जैसे लक्षण गंभीर स्थिति के लक्षण हो सकते हैं।
डेंगू का उपचार
1. डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी पिएं। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
2. वहीं डेंगू से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्ते को गर्म पानी में उबाल लें और फिर इस पानी को पिएं।
3. डेंगू बुखार के मरीज मेथी की पत्तियां उबालकर चाय बनाकर भी पी सकते हैं। इससे भी बहुत राहत मिलेगी।
4. पपीते के पत्ते भी काफी असरदार हैं। इसका जूस पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ता है।